फेंके गए चाय के 21 हजार कुल्हड़ों से रच दी महाराणा प्रताप की तस्वीर
इंदौर। एक बार फिर यहां के युवाओं ने अपनी कलाकारी से कमाल करके दिखाया है। उन्होंने चाय पीकर फेंक दिए गए 21 हजार मिट्टी के कुल्हड़ों को रीयूज किया और महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा पोट्रेट बना दिया। इसे भंवरकुआं समीप इंद्रपुरी में शिव मंदिर के पास बनाया गया है। यह तस्वीर लगभग 1900 वर्गफीट की है। इसे अगले दो दिन तक लोग देख सकेंगे।
15 लोगों की टीम ने की 15 घंटे में तैयार
महाराणा प्रताप की इस विश्वविख्यात तस्वीर को बनाने के लिए युवाओं ने लगभग 3 मई से काम शुरू कर दिया था। वे पहले आसपास के कैफे में जाकर कैफे संचालकों से संपर्क किया और यूज किए गए कुल्हड़ों को फेंकने से मना किया। यह टीम अलग-एरिया से कुल्हड़ इकट्ठा करने के लिए चाय कैफे में पहुंचती थी। इस पोट्रेट को बनाने वाले युवाओं ने बताया कि इंदौर एजुकेशन हब होने के कारण यहां युवाओं की काफी भीड़ है।
महाराणा प्रताप की यह तस्वीर चाय पीने में उपयोग होने वाले मिट्टी के कुल्हड़ से 5 लोगों की टीम ने बनाई है। इसे 15 घंटे में तैयार किया गया है।
महाराणा प्रताप की यह तस्वीर चाय पीने में उपयोग होने वाले मिट्टी के कुल्हड़ से 5 लोगों की टीम ने बनाई है। इसे 15 घंटे में तैयार किया गया है।
यहां सबसे ज्यादा कोचिंग संस्थान होने की वजह से चाय के कई कैफे हैं। सबसे ज्यादा मिट्टी के कुल्हड़ का उपयोग किया जाता है। इसका रीयूज नहीं होता। आपस में बैठकर प्लान बनाया कि कैसे इसे रीयूज करके पूरे देश को नया संदेश दिया जा सकता है।
ऐसे आया तस्वीर बनाने का आइडिया
आर्ट गैलेक्सी के अतुल सिंह बताते हैं कि वो एक बार इंदौर मेयर पुष्यमित्र भार्गव के एक प्रोग्राम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में ग्रीन इंदौर को लेकर चर्चा हुई थी। यहां से उन्हें आइडिया आया की कैफे में जिन कुल्हड़ों को फेंक दिया जाता है उसका उपयोग करके ग्रीन इंदौर के लिए कुछ बनाया जा सकता है। इसके बाद से ये प्लान बनाना शुरु कर दिए। अपने दोस्तों से इसके लिए चर्चा की तो दोस्त भी तैयार हो गए। पंद्रह से बीस दिन में 21 हजार से ज्यादा कुल्हड़ इकट्ठा कर लिए।