पीएचडी चयन परीक्षा मे धांधली, फर्जी तरीके नंबर बढ़ाने के लिए आंसर -शीट मे छेड़-छाड़
कुलसचिव पौराणिक और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए लोकायुक्त की जांच शुरू
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में हुई पीएचडी परीक्षा की शिकायत लोकायुक्त को मप्र युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने की थी। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने शिकायत कर्ता बबलू खिंची व कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक के बयान दर्ज किए है। कुलसचिव डॉ. पौराणिक ने कहा कि जानकारी मांगी थी। जांच समिति के समक्ष हमने कागज प्रस्तुत कर दिए है। अब वो आगे की प्रक्रिया में है। वहीं शिकायत कर्ता बबलू खिंची ने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व मेरे द्वारा लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। कुलसचिव द्वारा पद का दुरूपयोग कर बच्चों की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई। जांच समिति बनी थी उसमें प्रमाणित हुआ था कि 12 ओएमआर शीट पर डबल गोले थे। बाद में जांच समिति के इस्तीफे के बाद आज तक जांच समिति नही बनी। उसी मामले में कुलसचिव को लोकायुक्त में बुलाया गया था।
दरसल पूरा मामला करीब डेढ वर्ष पूर्व हुई पीएचडी चयन परीक्षा-2022 मे अवैध रूप से धांधली एवं फर्जी तरीके से सांठ-गांठ कर, नंबर बढ़ाने के लिए आंसर -शीट मे छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने लोकायुक्त को शिकायत की। मामले में लोकायुक्त ने कुलसचिव व शिकायत कर्ता के बयान लिए है।
यह पर शिकायत में यहाँ भी कहा है कि कुलपति एवं शोध समिति के सदस्यो ने अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए, अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करके, म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, अध्यादेशों एवं एआईसीटीई एवं यूजीसी के विनिमयों का घोर उल्लंघन करने के साथ-साथ, आन्सर-शीट मे काँट-छाँट/छेड़-छाड़ कर, फेल को पास करने के अनैतिक एवं अवैध कृत्य, धांधली एवं फर्जीवाड़ा करके होनहार ओर भोले-भाले छात्रो के साथ धोखाधड़ी के साथ ही घोर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की है। शिकायत की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, यूजीसी, डीजीपी को भेज कर फर्जीवाड़ा करने वालों पर सक्षम धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। साथ ही हेरफेर किए गए कागजों की फोटो कॉपी भी उपलब्ध कराई थी।