शराब से थी नफरत, इसलिए जैन समाज में की बेटी की शादी, बना दिया नौकरानी

जातिगत उलाहने, दो बच्चे के बाद पति ने छोड़ा पत्नी को 

उज्जैन। बेटी के सुख के लिए अच्छा लड़का और अच्छे घर की चाहत में अनुसूचित जाति के एक परिवार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई। जिहा जैन समाज के परिवार ने अनूसूचित जाति की लड़की से विवाह तो किया लेकिन उसे बहू और पत्नी का दर्जा नहीं दिया। केवल नौकरानी की तरह काम और इस्तेमाल की एक वस्तु समझा। यही नहीं दो बच्चो के बाद पति ने पत्नी को दर दर की ठोकरे खाने के लिए छोड़ भी दिया अब महिला इन्साफ की गुहार लिए थानों के चक्कर काट रही हैं।
यह आरोप महिला थाना में शिकायत लेकर पहुंची पीड़िता और उसके परिजनों ने राजस्थान निवासी जैन परिवार पर लगाए हैं। उज्जैन के पिपलीनाका क्षेत्र में रहने वाली शीला 6 साल पहले राजस्थान के महावीर चौपड़ा के साथ ब्याही गई। उज्जैन के राकेश और रमेश नामक दो लोगों ने रिश्ता कराया । शीला कई महीनों से अपने मायके में है क्योंकि पति ने उसे किराए के घर से भी निकाल दिया। शीला ने बताया कि शादी के समय बोले थे कि जात पात के भेदभाव वे नहीं मानते लेकिन शादी के बाद उन्होंने कभी अपने स्वयं के मकान में नहीं रखा। किराए का कमरा दिलाकर अलग रखा गया। स्वयं के मकान में केवल काम कराने के लिए बुलाते थे। पति महावीर जैन भी केवल रात को सोने के लिए आते थे। विरोध करने पर सास भमरीबाई, ससुर छगनलाल और पति ने भी जातिगत गालियां दी, अपशब्द कहे। जब बच्चें होने वाले थे तब भी बच्चें ना रखने के लिए दबाव बनाया। दोनों बच्चों की डिलीवरी मायके में आकर कराई। पीड़ित शीला की मां ने कहा कि अपनी समाज में शराब ज्यादा पीने वाले हैं इसलिए बेटियां दुखी रहती हैं तो अच्छे लोगों में बेटी की शादी करना चाहिए। जैन समाज एक अच्छा समाज है यह सोचकर बेटी ब्याही थी। लेकिन ये तो शराब पीने वालों से ज्यादा बेकार हैं। शीला ने यह भी कहा कि रमेश और राकेश जैन जिन्होंने रिश्ता कराया था उन्हें ससुराल वालों ने 5 लाख रूपए दिए थे। यही बात बोलकर सास ताना देती है कि उन्होंने मुझे खरीदा है।