मूक बधिर दृष्टि दिव्यांग छात्रा ने किया मिसाल कायम, जब हौंसले बुलंद हो तो कोई अक्षमता बाधा नहीं बनती
इंदौर। जब हौंसले बुलंद हो तो कोई अक्षमता बाधा नहीं बनती। बुलंद हौसलों, जज्बे और जीवटता की सबसे बड़ी मिसाल बनीं है इंदौर की बेटी गुरदीप कौर उर्फ स्वीटी ने। गुरदीप बधिरांध है यानि वो बोलने, सुनने और देखने में असमर्थ है। लेकिन गुरदीप ने माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की हाई स्कूल परीक्षा पास कर मिसाल पेश की है। मूक बधिर के साथ ही दृष्टि दिव्यांग श्रेणी में यह देश में अपने किस्म का पहला उदाहरण भी है।मूक-बधिर और दृष्टि दिव्यांग गुरदीप कौर ने एमपी बोर्ड की 10वीं कक्षा पास की। गुरदीप की यह सफलता इसलिए मिसाल है क्योंकि उसने अपनी तमाम क्षमताओं को परास्त करते हुए इसे हासिल किया है। गुरदीप अपनी सफलता से बहुत खुश है और इसके लिए वह अपने परिवार, अपने गुरुजनों और इंदौर के अधिकारियों को श्रेय देती हैं।