गंगा दशहरे पर उज्जैन में सिंहस्थ का  नाजारा, संतों की पेशवाई, शाही  नहान

 

– रथ व घोड़ों पर निकले संत, महंत व महामंडलेश्वर

– मार्ग में पुष्पवर्षा कर किया हजारों लोगों ने स्वागत  

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

गंगा दशहरे पर मंगलवार को उज्जैन में सिंहस्थ जैसा नजारा देखने को मिला। साधु-संतों की पेशवाई निकली तो नहान भी हुआ। रथ व घोड़ों पर  सवार होकर नागा साधु, संत, महंत व महामंडलेश्वर ढोल व बैंड-बाजों के साथ नगर में निकले तो हजारों लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।  

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा घाट नीलगंगा सिंहस्थ पड़ाव स्थल पर यह नजारा था। देशभर से आए संत, महंतों ने यहां नीलगंगा सरोवर में स्नान भी किया। जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने बताया अखाड़ा द्वारा वर्ष 2017 से लगातार नीलगंगा घाट पर गंगा दशहरे पर यह आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी उत्सव जारी है। समारोह में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी महाराज प्रमुख रूप से नीलगंगा से निकली पेशवाई में शामिल हुए।

नहान व पेशवाई में ये संत-महंत महामंडलेश्वर भी शामिल हुए 

आयोजन में महामंडलेश्वर महेंद्र आनंद गिरि, महामंडलेश्वर चेतना माता, महामंडलेश्वर श्रद्धा गिरि, महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि गुजरात सहित जूना अखाड़ा के अन्य महामंडलेश्वर और संत, महंत भी उज्जैन पहुंचे है। इस नहान में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आव्हान अखाड़ा, श्री पंचायती अग्नि अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, नया उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा सहित कई अखाड़े के साधु-संत, महंत भी शामिल हुए। 

108 फीट की चुनरी अर्पण के साथ की गई आतिशबाजी

नीलगंगा सरोवर में शाम को गंगा पूजन के पश्चात मां नीलगंगा को 108 फीट की चुनरी अर्पण कर आतिशबाजी के साथ महाआरती की गई। इस दौरान साधु-संतों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे। देरशाम पूजन के बाद भंडारा प्रारंभ हुआ जिसमें हजारों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।