सप्त ऋषियों की प्रतिमा को मूर्तरूप देने आये मूर्तिकार

उज्जैन। आंधी-तूफान से महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषियों की 6 प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिन्हे पुन: मूर्तरूप देने के लिये मूर्तिकार मंगलवार को उज्जैन पहुंच गये।
रविवार को पश्चिमी विक्षोभ के चलते शहर में आंधी-तूफान से भारी तबाही मची थी। सबसे ज्यादा नुकसान 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ लोकार्पित हुए महाकाल लोक को पहुंचा था। यहां लगी 6 सप्त ऋषियों की प्रतिमा गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसकी गूंज भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंची थी। कांग्रेस ने इससे भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाकर मोर्चा खोल रखा है। इस बीच प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने प्रतिमाओं को पुन: स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को गुजरात के सूरत से 8 मूर्तिकारों की टीम प्रतिमाओं को दोबारा से मूर्तरूप देने के लिये पहुंच चुकी है। महाकाल लोक में सात ऋषि मुनियों की प्रतिमा लगाई थी। 6 के क्षतिग्रस्त होने पर सातवीं प्रतिमा को भी उतार लिया गया था। जिन्हे महाकाल लोक के पीछे पार्किंग में रख गया है। मूर्तिकारों ने अपना काम शुरू कर दिया है। जल्द प्रतिमाओं को महाकाल लोक में स्थापित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। महाकाल लोक में लगी अन्य प्रतिमाओं की जांच के लिये देश के अलग-अलग हिस्सों से मूर्तिकार और जानकार जल्द महाकाल लोक पहुंचेगें।