नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी प्यारे मियां के खिलाफ बयान देने नहीं आ रहे पीड़िताओं के माता-पिता
इंदौर। जिस प्यारे मियां ने काम दिलाने के नाम पर उनकी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया, उसी के खिलाफ पीड़िता के माता-पिता बयान देने न्यायालय में नहीं आ रहे। कोर्ट को उनका गिरफ्तारी वारंट जारी करना पड़ा। अब जून के पहले सप्ताह में सुनवाई होनी है।
प्यारे मियां के खिलाफ पलासिया पुलिस थाने में दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य, एससीएसटी एक्ट, पाक्सो एक्ट की आठ से अधिक गंभीर धाराओं में तीन प्रकरण दर्ज हैं। प्यारे पर आरोप है कि वह बच्चियों को काम दिलाने के बहाने घर बुलाता था और उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करता था। इंदौर के अलावा वह भोपाल में भी ऐसा कर चुका है।
इंदौर में पुलिस उसके मकान पर भी पहुंची थी। इंदौर में दर्ज तीनों प्रकरणों की सुनवाई विशेष न्यायालय में चल रही है। इन तीनों में एडीपीओ सुशीला राठौर पैरवी कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि तीन प्रकरणों में एक साथ सुनवाई चल रही है। पहले प्रकरण में तो पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है। दूसरे में पीड़िता के बयान हो चुके हैं। इन दोनों ही मामलों में पीड़िताओं के माता-पिता के बयान होने हैं। कोर्ट ने उन्हें उपस्थित होने के लिए समन जारी किए थे, लेकिन वे नहीं आए।
इस पर उनका जमानती वारंट भी जारी हुआ, बावजूद इसके वे नहीं आए। अब कोर्ट ने दोनों पीड़िताओं के माता-पिता के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। एक प्रकरण में फिलहाल पीड़िता के बयान नहीं हुए हैं।
भोपाल मामले में हो चुकी है उम्रकैद
प्यारे मियां के खिलाफ भोपाल में भी नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के कई केस दर्ज हैं। इन्हीं में से एक मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि कुछ प्रकरणों में सुनवाई चल रही है। प्यारे मियां खुद को पत्रकार बताता है। वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बच्चियों को अपने निशाने पर रखता था।