सरकार किसी मठ-मंदिर का स्थायी अधिग्रहण नहीं कर सकती – स्वामी
इंदौर। सरकार किसी भी मठ-मंदिर का स्थायी रूप से अधिग्रहण नहीं कर सकती है। यदि उसमें कोई वित्तीय गड़बड़ी है तो अल्पकाल में उसे ठीक कर वापस देना होगा। मध्य प्रदेश में एक भी मंदिर सरकार के हाथ में नहीं हो सकता है। सरकार के नियंत्रण के हर मंदिर को मुक्त करना होगा। देश में तमाम आक्रमणकारियों ने भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचाया है। उसका उत्थान करने की आवश्यकता है। देश में 50 हजार मंदिर विदेशी आक्रमणकारियों ने तोड़े हैं। इन्हें दोबारा बनाने की आवश्यकता है। यह काम तुरंत नहीं हो सकता, क्योंकि हम जहां रहते हैं वहां एक संविधान है। उसका पालन करते हुए कार्य करना है।
यह बात कानूनविद् और अर्थशास्त्री डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रवींद्र नाट्यगृह में कही। वे विराट हिंदुस्तान और समस्त पुजारी मध्य प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धर्मसंस्थापनार्थाय-सुघोष कार्यक्रम में शामिल होने इंदौर आए थे। उन्होंने मंदिरों के सरकारीकरण से मुक्ति एवं पुजारियों के संवैधानिक अधिकार विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि नटराज मंदिर तमिलनाडू को लेकर 2014 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें शीर्ष अदालत ने मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का आदेश दिया। उन्होंने 15 दिन में मंदिरों को मुक्त करने का सरकार से आग्रह किया , अन्यथा भोपाल में आंदोलन होगा।