मामा की सरकार में लापरवाहों की भरमार- लाडली बहना योजना के फार्म में लाडले भाइयों के फोटो..!
कई महिलाओं के बदल गए नाम , कहीं घपले की भेंट ना चढ़ जाए यह योजना
भोपाल। कोई भी सरकारी योजना जब शुरू होती है तो सबसे पहली आशंका यही रहती है कि कहीं इसमें घपला न हो जाए? जो पात्र हैं उनके साथ अन्याय न हो जाए! लाडली बहना योजना के साथ भी ऐसी ही आशंका बन रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि जल्दबाजी में अप्रशिक्षित कर्मचारियों ने ज्यादा से ज्यादा फार्म भरने के चक्कर में घोर लापरवाहियाँ कर दी हैं। राजधानी भोपाल की करीब 37 हजार महिलाओं को लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलने में व्यवहारिक समस्या खड़ी हो गई है। लाडली बहना योजना के फार्म में बहनों की जगह लाडले भाइयों की फोटो लग गई है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं की जगह कर्मचारियों के फोटो फार्म पर होने के कारण आई है। फार्म भरवाने वाले कई कर्मचारियों ने बैक कैमरे की जगह फ्रंट कैमरे से फोटो खींच दिए। इस कारण महिलाओं की जगह किसी और का फोटो आ गया। अब फोन कर करके इसे ठीक करवाया जा रहा है। आशंका यह है कि प्रदेश में किसी और क्षेत्र में भी ऐसा ही तो नहीं हुआ है?
पहली समस्या-महिलाओं के नाम या जाति में ‘ण’ शब्द के कारण फॉर्म में नाम बदलने लगे। हिंदी में तो ‘ण’ आ रहा था, लेकिन अंग्रेजी में यह ‘एन’ हो जाता। उदाहरण के लिए मीणा की जगह वह मीना हो जाता। इससे नाम, जाति, सरनेम ही बदलने लगा। राणा नाम की जगह राना हो जाता। इस समस्या को सुधारने में 3 से 4 दिन लग गए। दूसरी समस्या- समग्र और आधार केवाईसी से जुड़े नहीं होने से भी समस्या खड़ी हुई है।
इसके समाधान के लिए जोन कार्यालय पर ही इन्हें लिंक करने की सुविधा दी गई, लेकिन फॉर्मों की जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में महिलाओं की जगह पुरुषों के फोटो फॉर्म में आ गए है।
अब फोन लगाकर खाते अपडेट करने का कह रहे
लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए सबसे बड़ी शर्त केवाईसी अपडेट होना था। भोपाल में 3 लाख से ज्यादा आवेदन भरे गए। इनमें से करीब 37 हजार से ज्यादा आवेदन अपडेट नहीं है, यानी केवाईसी नहीं है। अब कर्मचारी एक-एक को फोन लगाकर बैंक जाकर खाते अपडेट कराने को कह रहे हैं। जब तक बैंक से केवाईसी अपडेट नहीं होगा, योजना की रकम खाते में नहीं आएगी।
आधार से असली आय भी सामने आई
आधार और समग्र जुड़ा होने से महिला के पूरे परिवार की आय की भी जानकारी सामने आई। फॉर्म भरने के बाद जब आधार और समग्र की जांच की गई, तो कई महिलाओं और उनके परिवार की आय तय मापदंड से ज्यादा निकली।