ग्वालियर में गूंजा भ्रष्टाचार- महाकाल लोक घोटाला शिवराज सरकार का सबसे बड़ा पाप
घोटाले की जांच न्यायाधीश से कराने की मांग, कांग्रेस बोली- भगवान को धोखा देते हैं, यह इंसान को क्या छोड़ेंगे..?
ग्वालियर। महाकाल लोक घोटाले को लेकर कांग्रेस ने ग्वालियर में भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला। कांग्रेस का आरोप है कि भगवान को धोखा देते हैं, यह इंसान को ये क्या छोड़ेंगे। महाकाल लोक घोटाला शिवराज सरकार का सबसे बड़ा पाप है। जिसमें बिना जांच किये ही घोटाले बाजों को क्लीनचिट देकर शिवराज सरकार ने खुद को घोटाले का सूत्रधार साबित कर दिया है।
महाकाल लोक का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया था लेकिन उनकी चुप्पी उनकी भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रही है कांग्रेस मांग करती है कि घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से करायी जानी चाहिए।बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उज्जैन में आंधी और बारिश के चलते महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषियों की मूर्तियों के खंडित होने के बाद महाकाल लोक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की गूंज प्रदेश भर में सुनाई दे रही है। कांग्रेस इस बार बीजेपी पर इस मामले में हमलावर है और शिवराज सरकार पर घोटाले के आरोप लगा रही है। शनिवार को ग्वालियर में कांग्रेस कार्यालय पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के विधायक डॉ सतीश सिकरवार और जिला अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने कहा कि महाकाल लोक में भ्रष्टाचार से बनायी गई मूर्तियां खंडित हो गई है लेकिन श्रद्धालु जानते हैं कि इससे हिन्दुओं की आस्था के केंद्र भगवान महाकाल के विग्रह और मुख्य मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, महाकाल की कृपा से शिवराज मामा के भ्रष्टाचार का भंडाफोड जरूर हो गया। शिवराज सरकार के मंत्री भूपेन्द्र सिंह को अपने पाप छुपाने के लिए प्रेसवार्ता करके यह बताना पड़ा कि महाकाल लोक के भव्य निर्माण का संकल्प कमलनाथ का था।4 सितम्बर 2018 को निविदा क्रमांक 52 / यूएससीएल / 1819 तत्कालीन शिवराज सरकार ने योजना बनायी थी। जिसकी अनुमानित लागत 97 करोड़ 71 लाख रुपये थी। कमलनाथ सरकार के आने के बाद इस राशि को बढ़ाकर 300 करोड़ रु. स्वीकृत किया गया। कार्यादेश 7 मार्च 2019 को कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किया गया था। वहीं एफआरपी की प्रतिमाओं की मजबूती के लिए आंतरिक लोहे का ढांचा बनाया जाता है, जो कि प्रतिमाओं में नहीं बनाया गया। उनके निर्माण में उपयोग की जाने वाली नेट की मोटार्थी 1200 से 1600 ग्राम जीएसएम की होना चाहिए, लेकिन प्रतिमाओं में 150 से 200 ग्राम जीएसएम की ही चाइनीज नेट उपयोग की गई। हम मांग करते है कि घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से करायी जाये और घोटाले बाजों का चेहरा प्रदेश की जनता के सामने बेनकाब किया जाए।