इंदौर बावड़ी हादसा- जब मजिस्ट्रियल जांच की घोषणा हो गई थी तो मंदिर तोड़कर साक्ष्य क्यों मिटाए ?

साक्ष्य मिटाने के आरोप पर सरकार और नगर निगम ने उच्च न्यायलय में नहीं दिया जवाब

इंदौर। रामनवमी के दिन इंदौर के पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी में घटित दर्दनाक हादसे में हुई 36 मौतों के जिम्मेदारों की न्यायिक जांच की याचिका के पूर्व जिला प्रशासन एवं निगम अफसरों ने ताबड़तोड़ 80 वर्ष पुराने होलकर-कालीन श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर तथा श्री झूलेलाल मंदिर को तोड़ दिया था। जांच अधिकारियों की टीम का मौके पर पहुंचने के पूर्व ही तोड़े गए मंदिर का मलबा वर्षो पूर्व निर्मित बावड़ी में भरकर घटना के साक्ष्य मिटा दिए थे। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने अभिभाषक मनोहर दलाल एवं लोकेन्द्र जोशी के माध्यम से उच्च न्यायलय याचिका लगाईं थी और मंदिर तोड़कर सबूत मिटाने और जांच प्रभावित करके आरोपियों का बचाव करने के आरोप लगते हुए दोषियों पर कारवाई करने के लिए अंतरिम आवेदन दिया था। ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते माननीय उच्च न्यायालय की विशेष डबल बेंच द्वारा प्रकरण की सुनवाई की गई, जिसमे सरकार और नगर निगम द्वारा याचिका और अंतरिम आवेदन पर कोई उत्तर नहीं दिया गया। उच्च न्यायलय ने याचिका में आरोपी श्री बेलेश्वर मंदिर ट्रस्ट को 3 दिवस में पुनः हमदस्ती नोटिस तामिली के आदेश दिए और नोटिस तामिल होते ही तुरंत याचिका की सुनवाई निर्धारित करने के भी आदेश दिए।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष रामनवमी के दिन इंदौर के स्नेह / पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी में घटित दर्दनाक हादसे में हुई 36 हो गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा तुरंत मजिस्ट्रियल जांच के आदेश देकर 15 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा था। जांच अंतर्गत अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने दिनांक 2 अप्रैल से दिनांक 6 अप्रैल तक जनमत आमंत्रित किया था। सूचना लगते ही दिनांक 5 अप्रैल को नगर निगम की आयुक्त रही श्रीमती प्रतिभा पाल ने अपने अधीनस्थ अन्य निगम अफसरों जिनमे श्रीमती लता अग्रवाल, अश्विन जनवदे, अतीक खान, अनूप गोयल, सुनील गुप्ता, सेवकराम पाटीदार, राकेश अखंड, मनीष पांडे, चेतन पाटिल, प्रकाश नागर, परसराम अरोलिया के सहयोग से 80 वर्ष पुराने होलकर-कालीन श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर तथा श्री झूलेलाल मंदिर को ताबड़तोड़ तोड़ दिया और जांच अधिकारियो की टीम का मौके पर पहुचने के पूर्व ही तोड़े गए मंदिर का मलबा वर्षो पूर्व निर्मित बावड़ी में भरकर साक्ष्य मिटा दिए थे।
श्री कौशल ने बताया कि स्नेह नगर की दर्दनाक घटना ने निगम तथा तथा प्रशासन के रेस्क्यू की पोल खोल दी। घटना से इंदौर ही नहीं सम्पूर्ण देश गमगीन हो गया था।