जिसने बचपन से खिलाया उसी ने बोरे में बंद किया था शव

उज्जैन। चार साल की लापता बालिका का शव मिलने के बाद गिरफ्त में आया परिवार सोमवार तक पुलिस की रिमांड पर है। मासूम की मौत के बाद उसे बचपन से गोद में खिलाने वाली युवती ने उसका शव बोरे में बंद किया था। बालिका की मौत के बाद उसका भाई से विवाद भी हुआ था।
6 जून को चिमनगंज थाना क्षेत्र की कमल कालोनी से लापता हुई चार साल की बालिका का शव 28 घंटे बाद वाल्मिकीधाम मार्ग पर नाले के पास बंद बोरे से बरामद हुआ था। पुलिस ने सुराग मिलने के बाद बालिका के पड़ोस में रहने वाले परिवार में शामिल अजय पिता सुमेरसिंह, उसकी बहन रानू, मां निर्मलाबाई और दोस्त विक्की ठाकुर को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को मां निर्मला को जेल भेजने के बाद तीनों को सोमवार तक रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान सामने आया कि बालिका को रानू बचपन से अपनी गोद में खिला रही थी। लेकिन उसने भाई की करतूत सामने आने पर बालिका के शव को बोरे में बंद किया था। उससे पहले बालिका की मौत का पता चलने पर उसने भाई से विवाद भी किया था। लेकिन मां-बेटे की करतूत को छुपाने और एकलौता पुत्र होने पर उसे बचाना चाहती थी। जिसके चलते तीनों ने विक्की के साथ मिलकर 6 जून को ही शव नाले के पास फिकवा दिया था। रानू ने शव ठिकाने लगाने के लिये अपनी एक्टिवा विक्की को दी थी।