इंदौर से खलघाट जाने के लिए पहाड़ काटकर सड़क निर्माण शुरू

राह अलग, हादसों से बचने के लिए एनएचएआइ की कवायद, एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य
दैनिक अवन्तिका इंदौर
इंदौर-खलघाट हाईवे के गणेश (गणपति) घाट पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) आने-जाने की राह अलग कर रहा है। घाट पर 8.8 किलोमीटर के हिस्से में पहाड़ काटकर इंदौर से खलघाट जाने के लिए अलग रास्ता बनाया जा रहा है। यह काम करीब एक साल में पूरा होगा। मौजूदा रोड से ढाई किमी दूर तीन लेन की सड़क बनाई जा रही है। वहीं आने के लिए मौजूदा फाइव लेन सड़क मिलेगी।
गणेश घाट पर 15 साल में 3000 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 450 से ज्यादा लोग जान गवां चुके हैं। इस रोड पर कई वाहन अपनी लेन बदलकर दूसरी लेन चले जाते हैं। इस वजह से खलघाट की ओर जाने वाले मार्ग पर लेन अलग करने के लिए बीच में ड्रम रखे गए हैं। अभी ढलान ज्यादा होने के कारण कई वाहनों के ब्रेक फेल हो जाते हैं। कई ट्रक ड्राइवर डीजल बचाने के लिए ट्रक ढलान से उतरते समय न्यूट्रल कर देते थे। इस कारण उनका वाहन पर नियंत्रण खत्म हो जाता था। यह इस घाट पर दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बनता था। नियम यह है कि घाट पर जिस गियर में गाड़ी चढ़ाते हैं, उसी में उतारना चाहिए।
3.3 मीटर रह जाएगा ग्रेडिएंट : गणेश घाट की कुल लंबाई दो किलोमीटर है। अभी इस रोड पर 6 मीटर का ग्रेडिएंट (ढलान) है। लेन अलग होने पर यह 3.3 मीटर रह जाएगा। गणेश घाट पर बनने वाली सेपरेट लेन की लंबाई 8.87 किमी और चौड़ाई 30 मीटर होगी। इस कार्य पर करीब 209 करोड़ रुपये खर्च किए जाएगे। हरियाणा की काूलवाला कंस्ट्रक्शन कंपनी को इसके निर्माण का जिम्मा सौंपा है।
एक साल में तैयार कर देंगे सड़क
एनएचएआइ के महाप्रबंधक व प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल के मुताबिक रात में रोशनी के लिए लाइट लगाई है। गति नियंत्रण के लिए रंबल स्ट्रीप भी बनाई गई है। दो लेन की सड़क को चार लेन में तब्दील कर कुछ एक हिस्से पर पेवर ब्लाक लगाए हैं, ताकि वाहनों की गति नियंत्रित हो। बीच में लेन सेपरेट करने के लिए ड्रम भी रखे हैं। इससे दुर्घटनाओं में कमी भी आई है। मौजूदा रोड से दो किमी दूर नई सड़क बनाई जाएगी। इसके लिए पहाड़ काटने के अलावा चार से पांच स्थानों पर पुल भी बनाएंगे। सड़क निर्माण में बाधक चार मकानों को प्रशासन के माध्यम से हटाया जाएगा। निर्माण एजेंसी को सड़क बनाने के लिए डेढ़ साल का समय दिया, लेकिन एक साल में इस तैयार करने की कोशिश है।