19 साल बाद श्रावण अधिक मास आने से भगवान महाकाल की दस सवारी निकाली जाएगी।
श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी में इस बार भगवान महाकाल के मुखारविंद शाही रथ पर विराजित कर निकाले जाएंगे। समिति दानदाताओं के सहयोग से रथ का निर्माण करा रही है। मंदिर प्रशासन के अनुसार तीन नए रथ बनवाए जा रहे हैं, इनका निर्माण दिल्ली, इंदौर व उज्जैन में होगा। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 19 साल बाद श्रावण अधिक मास आने से भगवान महाकाल की दस सवारी निकाली जाएगी। प्रत्येक सवारी में भगवान महाकाल का एक नया मुखारविंद शामिल होगा। पहली सवारी में भगवान महाकाल मनमहेश रूप में पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगेi दूसरी सवारी में भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होंगे। इन दोनों मुखारविंदों का पालकी व हाथी पर सवार होने का क्रम शाही सवारी तक निरंतर जारी रहेगा, लेकिन तीसरी सवारी से भगवान महाकाल के अन्य मुखारविंद शिवतांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप, सप्तधान, जटाशंकर आद रथों पर निकाले जाएंगेi मंदिर समिति के पास पहले से ही पांच रथ हैं। इन्हें रंगरोगन कर सवारी के लिए तैयार किया जाएगा। लेकिन श्रावण मास में दस सवारी होने से तीन और रथ की आवश्यकता है। मंदिर समिति इन रथों का निर्माण दिल्ली,इंदौर व उज्जैन के दानदाताओं के सहयोग से करा रही है। समिति सदस्यों ने तय की डिजाइन समिति सदस्य पं.राजेंद्र गुरु, पुजारी प्रदीप गुरु व पं.रामपुजारी के साथ बैठक कर रथ की डिजाइन फाइनल कर दी गई है। दिल्ली, इंदौर व उज्जैन के दानदाता अपने शहरों में रथ का निर्माण करा रहे हैं