किशोरी को अगुवा कर दुष्कर्म करने वालों का 20 साल की सजा
उज्जैन। किशोरी को अगुवा कर दुष्कर्म करने वाले 2 अरोपियों को न्यायालय ने ढाई साल बाद 20-20 साल की सजा सुनाई है। मामले में दोनों के साथ चार अन्य को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हे दोषमुक्त किया गया है।
चिमनगंज थाना क्षेत्र के ढांचा भवन में रहने वाले 14 वर्षीय किशोरी की सोशल मीडिया के माध्यम से नंदनी उर्फ सोनिया प्रजापति निवासी नीलगंगा से पहचान हुई थी। जो किशोरी को सितंबर 2020 में अपने घर घूमाने के बहाने ले गई। रास्ते में शुभम उर्फ धर्मेन्द्र पिता पीरूलाल मालवीय और चिराग उर्फ मनोज पिता सुरेश यादव निवासी पांड्याखेड़ी किशोरी को लॉज में ले गये और डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया। दूसरे दिन किशोरी को गोलू के ढाबे पर लेकर पहुंचे, जहां आनंद उर्फ नानू पिता प्रेमसिंह परमार निवासी शंकरपुर ने दुष्कर्म का प्रयास किया। दो दिन बाद किशोरी को डरा-धमका कर छोड़ दिया गया। किशोरी ने घर पहुंचकर परिजनों को घटनाक्रम बताया। मामले में चिमनगंज थाना पुलिस ने धारा 363, 366, 34, भादवि के साथ लैंगिग अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 3 सहपठित और धारा 5-एल सहपठित धारा 6 में प्रकरण दर्ज किया। एसआई मधु बसंल ने मामले की विवेचना शुरू की और साक्ष्यों के आधार पर चिराग, शुभम, नंदनी, गोलू उर्फ लक्ष्मण, आनंद उर्फ नानू, सतीश और कुसम उर्फ गुड्डीबाई को आरोपी बनाकर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया। ढाई साल चली सुनाई के बाद विशेष न्यायाधीश (पास्को एक्ट 2012) षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश किर्ती कश्यप ने फैसला सुनाते हुए किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी शुभम और चिराग को 20-20 साल की सजा से दंडित किया। मामले से जुड़े चार अन्य को दोषमुक्त किया गया है। मामले में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजन अधिकारी सुरेश बछेरिया द्वारा रखा गया।