मंदिरों में भक्तों से कह रहे ड्रेस  कोड हो और पंडे-पुजारी पेंट में

– पुजारी महासंघ ने कहा अपने से शुरुआत हो, सरकार से भी मांग

दैनिक अवंतिका उज्जैन।

देश के कई मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं के ड्रेस कोड को लेकर चर्चा में है। श्रद्धालुओं से मर्यादा में रहकर दर्शन करने व पारंपरिक कपड़े पहनकर आने का अनुरोध किया जा रहा है।

लेकिन इन्हीं मंदिरों व तीर्थ में देखने में आ रहा है कि पंडे-पुजारी, तीर्थ पुरोहित ही पेंट-शर्ट में घूमते नजर आ जाते हैं तो पूजन व बैठक के दौरान मोबाइल चलाते, गेम खेलते तक देखे जा सकते है यह धर्म विरुद्ध आचरण है। पहले ड्रेस कोड का हम पालन करे फिर आम श्रद्धालुओं से कराए। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. महेश पुजारी ने यह बात कही है। उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि वह सारे शासकीय मंदिरों के पुजारियों से भी ड्रेस कोड का पालन कराए। वहीं निजी मंदिरों के पुजारी भी इसका पालन करें। पंडे, पुजारी और पुरोहित पूजा के समय लांग लगी धोती पहने।  इससे धर्म व परंपरा जीवित रहेगी व हमें देखकर आम लोग भी इसका निश्चित ही पालन करेंगे।

महाकाल के गर्भगृह में धोती-साड़ी तो दक्षिण के मंदिरों में उगाड़े बदन दर्शन

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है। पुरुष को धोती-सोला व बनियान में तथा महिला को साड़ी पहनना अनिवार्य है। इसी प्रकार देश के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी ड्रेस कोड होते है जैसे दक्षिण के मंदिरों में धोती पहनकर उगाड़े बदन ही दर्शन करने होते है।

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