मानसून पहले भोपाल आएगा और फिर इंदौर की ओर मूव करेगा ।साइक्लोन के कारण वेव पर भी इसका प्रभाव पड़ा

मानसून के वक्त गर्मी भी असर दिखा रही1 जून से मानसून का खाता खुल जाता है। इन 18 दिनों में महज 2.7 मिलीमीटर ही पानी बरसा है। जून के शुरुआती 15 दिन में तापमान अधिक रहता है। 15 जून आते-आते बादल छाने लगते हैं और बारिश भी हो जाती है। बाकी के 15 दिन में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी कमी आ जाती है। इस दफा कमजोर प्री-मानसून रहने की वजह 15 जून के बाद भी तापमान अधिक है ।10 दिनों में गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु में था ठहराव मौसम वैज्ञानिक  शुक्ला ने बताया कि केरल से निकलने के बाद मानसून ने 10 दिनों में गोवा, कर्नाटक व तमिलनाडु के अधिकांश हिस्से कवर किए। इस बीच बिहार व पश्चिम बिहार के कुछ हिस्से भी कवर किए  लेकिन अभी बड़ा क्षेत्र बचा है। आगामी दो-दिन दिनों में दक्षिण के लगभग सारे राज्य कवर हो जाएंगे। फिर उससे लगे महाराष्ट्र के हिस्से, झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओर मूव करेगा। यह महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में आगे बढ़ेगा। साइक्लोन के कारण वेव पर असर वैज्ञानिक शुक्ला ने कहा कि मानसूून केरल के बाद नॉर्थ की ओर मूव करता है इसलिए इसे नार्थन लिमिट ऑफ मानसूून कहते हैं। अभी साइक्लोन के कारण वेव पर भी इसका प्रभाव पड़ा इसलिए आगे नहीं बढ़ सका। अगर साइक्लोन नहीं रहता तो यह और आगे निकल आता। मप्र में मानसूून का आगमन 20 जून को हो जाना चाहिए था। मानसून की गति आगे बढ़ेगी तो यहां आएगा। तीन-चार दिन में स्थिति सुधर सकती है। मानसून पहले भोपाल आएगा और फिर इंदौर की ओर मूव करेगा।

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