नशेड़ियों की लगातार बढ़ रही तादात
20 से 35 साल की युवतियों की संख्या अधिक, शराब, एमडी , कोकीन के जाल में उलझी युवा पीढ़ी
इंदौर। शहर के युवा तेजी से नशे के जाल में उलझते जा रहे हैं। इंदौर हो उज्जैन या प्रदेश का कोई भी बड़ा शहर, सभी दूर नशेड़ियों की तादाद लगातार बढ़ रही है।
इंदौर में सिर्फ तीन साल में ही ड्रग्स एडिक्ट युवाओं की संख्या में 27 फीसदी की वृद्धि हुई है। चिंता की बात यह है कि इसमें 20 से 35 साल की युवतियों की संख्या अधिक है। इन तीन वर्षों में शहर में सिंथेटिक ड्रग्स (मैथ, एमडी, कोकीन) की सप्लाई भी 17 प्रतिशत तक बढ़ गई है। शराब के बाद सबसे ज्यादा नशा एलएसडी (स्टीकर) का हो रहा है। छोटे-छोटे इन स्टीकर्स को युवा पॉकेट, पर्स या मोबाइल के कवर में रखकर नशे के अड्डों तक ले जा रहे हैं।
ईवा वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपाेर्ट में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। संस्था ने 2019 से 2022 तक शहर के डाटा का विश्लेषण करने के साथ ही स्टिंग ऑपरेशन और कई क्षेत्रों में ऑनलाइन सर्वे कर इस रिपोर्ट को तैयार किया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी तक हम 250 से ज्यादा पैडलर्स को चिह्नित कर चुके हैं। हाल ही में 25 को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इससे पहले 70 को जेल भेज चुके हैं।
15 साल के किशोर निशाने पर
ड्रग पैडलर्स 15 की उम्र के मासूमों को टारगेट करते हैं। खजराना इलाके में 15 से 35 साल के युवा सबसे अधिक नशे की गिरफ्त में हैं। नशा करने वालों में इनकी संख्या 63 फीसदी है।
इन क्षेत्रों में ड्रग पैडलर्स अधिक
कनाड़िया बायपास, सदर बाजार और बम्बई बाजार इलाकों में सबसे ज्यादा पैडलर रहते हैं। संस्था की डायरेक्टर भारती मांडोले और टेक्निकल हेड वृशाली टिकलकर साहू ने यह रिपोर्ट पुलिस को सौंपी थी।