छात्र संगठन ने कुलसचिव की नेम प्लेट पर पोती कालिख

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव के खिलाफ लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण के बाद बुधवार को एनएसयूआई कार्यकतार्ओं और युवक कांग्रेस ने प्रदर्शन किया और कुलसचिव की नेम प्लेट पर कालिख पोत नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और कुलसचिव को हटाने की मांग रखी।
वर्ष 2022 में विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी चयन परीक्षा आयोजित कराई थी। जिसमेंं धांधली एवं फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाने के लिए आंसर शीट में छेड़छाड़ की गई थी। मामले की शिकायत युवक कांग्रेस के पूर्व सचिव बबलू खींची ने लोकायुक्त में दर्ज कराई थी। मामले की जांच के बाद कुछ दिन पहले लोकयुक्त ने कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, पूर्व कुलपति व भू-विज्ञान के प्रोफेसर पीके वर्मा, भौतिक शास्त्र के सहायक प्राध्यापक गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग संस्थान के शिक्षक डॉ. वायएस ठाकुर और गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचवारे के खिलाफ धारा 420, 468, 471, 201, 120 बी, भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है और विश्वविद्यालय से छेड़छाड़ की गई आसंर शीट जब्त की। प्रकरण दर्ज होने के बाद भी विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव को पद से नहीं हटाया गया और वह रोज काम करने विक्रम विश्वविद्यालय पहुंच रहे है। इसको लेकर एनएसयूआई और युवक कांग्रेस के कार्यकतार्ओं ने बुधवार को विश्वविद्यालय में पहुंचकर कुलसचिव पौराणिक को हटाने की मांग करते हुए राज्यपाल के नाम कुलपति प्रो. अखिलेश पांडेय को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर हंगामा किया और कुलसचिव की नेमप्लेट पर कालिख पोत दी। कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ उन्होंने परिसर में कुलसचिव के खिलाफ काले अक्षरों से चोर तक लिख दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि 30 जून को होने वाली कार्यपरिषद की बैठक से कुलसचिव को दूर रखा जाए। विश्वविद्यालय में हंगामे की खबर मिलने पर माधवनगर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। मामले को लेकर कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि छात्र नेताओं ने ज्ञापन दिया है। लोकायुक्त में मामला दर्ज होने के बाद जो प्रक्रिया है उसे पूरा किया जा रहा है। कुलसचिव की नियुक्ति राज्य शासन द्वारा की जाती है।