बेंगलुरू-पुणे नहीं अब आइटी कंपनी को पसंद आ रहा इंदौर, यूके की कंपनी ने शुरू किया काम
आइटी कंपनियां अब मेट्रो और कास्मोपोलिटन सिटी की बजाय नए उभर रहे टियर-टू शहरों का रूख कर रही
दैनिक अवन्तिका इंदौर
आइटी कंपनियों को अब मुंबई-पुणे-बेंगलुरू की बजाय इंदौर और बड़ोदरा पसंद आ रहा है। इंदौर में हाल ही में एक और आइटी कंपनी सिविका ने काम शुरू कर दिया है। यूके की सबसे बड़ी आइटी कंपनियों में शुमार होने वाली सिविका ने इसी के साथ भारत में अपने आपरेशन की शुरूआत की है।साफ जाहिर हो रहा है कि आइटी कंपनियां अब मेट्रो और कास्मोपोलिटन सिटी की बजाय नए उभर रहे टियर-टू शहरों का रूख कर रही हैं।
सिविका ने देश में आपरेशन की शुरूआत करते हुए दो शहरों में अपने दफ्तर खोले हैं। इसमें मप्र का इंदौर और गुजरात का बड़ोदरा है। इंदौर में 100 कर्मचारियों के साथ काम शुरू किया गया है। अब तक बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे तक सिमटी रहने वाली प्रमुख आइटी कंपनियां एक के बाद एक अब इंदौर में दफ्तर खोल रही है। खास बात ये कि चार साल पहले कुछ कंपनियों के आने से बड़ा शोर मचा था। इस एक ही साल में कम से कम आठ बड़ी आइटी कंपनियां इंदौर में काम शुरू कर चुकी है।
पिछले कुछ वर्षों में इंदौर आई कई आइटी कंपनियां
खास बात ये कि इनमें से लगभग सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। बीते एक वर्ष में इंदौर में कुछ बड़ी आइटी कंपनियों ने अपने दफ्तर, आपरेशन और डेवलपमेंट सेंटर शुरू किए हैं। इनमें परसिस्टेंट, एक्सेंचर, पेपरचेस, रिवेल, प्लांटिक्स, न्यूक्लियस-टेक, नगारो जैसी कंपनियां शामिल है। जबकि प्रमुख जापानी आइटी कंपनी राकुटेन ने इंदौर की एक आइटी कंपनी का अधिग्रहण कर अपना ठिकाना इंदौर में बना लिया। इतना ही नहीं इंदौर में स्थापित हुई आइटी कंपनियों ने विस्तार करते हुए विदेश में अपने कामकाज फैलाया।
इंफोबींस एक अमेरिकी आइटी कंपनी के अधिग्रहण के कारण चर्चा में आई। इम्पेट्स ने भी तमाम देशों में अपने सेंटर खोल लिए हैं। इंदौर से शुरू हुई बियांड-की ने भी अमेरिका में हेडआफिस और यूरोप में सेंटर शुरू कर दिया। सिलसिला यहीं थम नहीं रहा है। आइटी क्षेत्र के कुछ और दिग्गज ब्रांड इंदौर में कदम रखने वाले हैं। इनमें प्रमुख कंस्लटिंग कंपनियां शामिल है।
बात है इंदौर में
देवी अहिल्या विवि के प्लेसमेंट आफिसर डा. अवनीश व्यास कहते हैं आइटी कंपनियों के इंदौर को सिर्फ यूं ही ठिकाना नहीं बना रही। यहां आने से पहले ये तमाम कंपनियां विस्तृत सर्वे कर रही है। पहले से मौजूद कंपनियों के प्रदर्शन को भी आंकती है। कुछ और बड़े नाम हाल ही में ऐसा सर्वे कर लौटे हैं। दरअसल बैंगलुरू या पुणे के मुकाबले इंदौर में इन कंपनियों की परिचालन लागत कम आ रही है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां इन्हें टैलेंटेड युवा भी आसानी से मिल रहे हैं।
ये वे युवा है जो अब तक इंदौर से इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व अन्य डिग्रियां लेकर पुणे, हैदराबाद नौकरी के लिए जाते थे। वे अब इंदौर में काम करना पसंद कर रहे हैं। महानगरों और टियर-वन सिटी के मुकाबले यहां काम करने पर उन्हें खर्च भी कम करना पड़ रहा और घर के नजदीक भी है। ऐसे में इंदौर में आना कंपनियों के साथ उनके कर्मचारियों को भी सुहा रहा है।