विकलांग बच्चों के नाम पर युवतियां मांग रही थी रुपए
उज्जैन। विकलांग बच्चों की मदद के नाम गुरूवार को पांच युवतियों ने लोगों से रूपयों की मांग शुरू कर दी। खुद को मानव अधिकारी संस्था से जुड़ा होना बताकर उन्होने हजारों रुपए जमा कर लिये थे। उसी दौरान कुछ जागरूक लोगों ने वीडियो बनाना शुरू किया तो युवतियां भाग निकली।
मामला मंगलनाथ मार्ग पर है। दोपहर में 18 से 22 वर्ष की दिखने वाली पांच युवतियां पहुंची थी। उनके हाथ में अंग्रेजी एक लेटर पेड़ मानव प्रतिनिधित्व संस्था के नाम का था। जिस पर इंग्लिश में विकालांग बच्चों के लिये कैम्प लगाने और ममद करने की बाते लिखी हुई थी। लेटर पेड पर रानीपुर गांव का नाम भी था। युवतियों ने मार्ग से गुजरने वाले दो पहिया और चार पहिया वाहनों को रोक रुपए मांगना शुरू कर दिये। विकलांग बच्चों के नाम लोगों ने युवतियों को सौ, दो सौ और पांच रूपयों की मदद करना शुरू कर दिया। युवतियां लेटर पेड़ पर रूपयों देने वालों के नाम और उसके आगे दिये गये रूपयों को लिख रही थी। कुछ नाम इंग्लिश में तो कुछ हिन्दी में लिये जा रहे थे। तभी कुछ जागरूक लोगों ने युवतियों को बच्चों के नाम पर मदद मांगते देखा और पूछताछ करने का प्रयास किया तो युवतियों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। लोगों ने उनकी मोबाइल से वीडियो बनाना और पूछताछ शुरू की। युवतियां भागने का प्रयास करने लगी। उनका कहना था कि बच्चों के नाम मांग रहे है, ऐसा करने से क्या होगा, वह अपनी संस्था का आई कार्ड भी बताने को तैयार नहीं थी। लोगों ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो ई-रिक्शा में सवार होकर भाग निकली। युवतियों के बात नहीं करने और मौके से भागने पर सामने आया कि वह मदद के नाम पर लोगों को ठगने का काम कर रही थी। जब तक उनकी करतूत का खुलासा हो पाता वह हजारों रुपए लोगों से वसूल कर चुकी थी। गौरतलब हो कि धार्मिक नगरी में इन दिनों देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना लगा हुआ है। इसी का फायदा युवतियों उठाने के लिये पहुंची थी, पांचों युवतियां शहर की प्रतीत नहीं हो रही थी, उनकी भाषा में भी शहरीपन नहीं था। जिससे साफ लग रहा था कि वह लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। फिलहाल मामला पुलिस तक पहुंचना सामने नहीं आया। जागरूक लोगों की वजह से कई लोग युवतियों की धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गये।