छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं से भस्मारती और जलाभिषेक के नाम पर धोखाधड़ी
उज्जैन। बाबा महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं से दर्शन और जलाभिषेक के नाम पर धोखाधड़ी होने के मामले नहीं थम रहे है। गुरूवार को छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के साथ भस्मारती और गर्भगृह से जलाभिषेक के नाम 21 हजार 600 रुपए की धोखाधड़ी होना सामने आया है। मंदिर प्रशासक ने मामले में शिकायत दर्ज करने के लिये प्रतिवेदन महाकाल थाना पुलिस को सौंपा है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शासकीय विभागों के साथ ही सांसद, विधायक, महापौर और जनप्रतिनिधियों के नाम पर भस्मारती अनुमति बनवाने और गर्भगृह में जलाभिषेक रसीद के लिए कोटा निर्धारित है। कुछ लोग प्रोटोकॉल के नाम पर व्यवस्था लेकर श्रद्धालुओं से अधिक राशि वसूल कर भस्मारती अनुमति और रसीद कटवाने का काम कर रहे हैं। ऐसा एक मामला छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के साथ होना सामने आया है। जिनसे 21 हजार 600 रुपए वसूल लिये गये थे। मामला मंदिर समिति के पास पहुंचने पर प्रशासक संदीप सोनी ने मामले की जांच शुरू कराई। जिसमें सामने आया कि छत्तीसगढ़ से 6 श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे थे। यहां पर श्रद्धालुओं की मुलाकात बाहरी पुरोहित घनश्याम शर्मा और यश शर्मा से हुई। दोनों ने 6 लोगों की भस्मारती अनुमति बनवाने और गर्भगृह से जलाभिषेक रसीद कटवाने के नाम पर 21 हजार 600 रूपए लिए थे। श्रद्धालु जब गर्भगृह में समय सीमा के दौरान जलाभिषेक नहीं कर सके तो मंदिर प्रशासन तक शिकायत पहुंची है। श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद मंदिर समिति ने घनश्याम शर्मा और यश शर्मा से पूछताछ की। दोनों ने बताया कि भस्मारती अनुमति उन्होने सोनू पारिक के माध्यम से और गर्भगृह जलाभिषेक की रसीद भावेश जोशी के माध्यम से कटवाई गई थी। मंदिर प्रशासन की जांच में सामने आया कि जो भस्मारती अनुमति बनवाई थी वह विधायक मुरली मोरवाल के कोटे से बनी थी। जलाभिषेक के लिए रसीद कटवाने के लिए प्रोटोकॉल पाइंट महापौर के नाम पर उनके प्रतिनिधि पवन के माध्यम से डलवाया गया था। हालांकि मंदिर समिति ने जब सोनू और भावेश के मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो दोनों के मोबाइल बंद थे। शिकायत के आधार पर मंदिर प्रशासन में जांच प्रतिवेदन के साथ शिकायत पत्र महाकाल थाना पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सौंपा है।