टमाटर की फसल बर्बाद – बाजार में 100 से 120 रुपये किलो बिक रहा, और भाव बढ़ने की आशंका
इंदौर। बिपरजॉय तूफान और प्री-मानसून की बारिश ने लगभग पूरे देश में टमाटर की फसल को बर्बाद कर दिया है। आलम यह है कि इंदौर जैसे शहरों में टमाटर की आवक 25 प्रतिशत ही रह गई है। जहां रोज 8 से 9 हजार कैरेट टमाटर की आवक होती थी, वहां ये घटकर 2 से 3 हजार कैरट पर आ गई है। प्रदेश से तो टमाटर की फसल पूरी तरह से खत्म हो ही चुकी है।
तूफान के कारण राजस्थान और गुजरात में भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस समय सिर्फ महाराष्ट के नारायण गांव और संगमनेर से ही टमाटर की आवक हो रही है। इसके चलते टमाटर का खेरची रेट 100 से 120 रुपए किलो तक पहुंच गया है। चोइथराम मंडी के टमाटर कारोबारियों की माने तो अगले एक महीने तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे। बेंगलुरु से टमाटर की आवक होने के बाद ही स्थिति सामान्य होगी।
प्रदेश में अब टमाटर लगभग खत्म
चोइथराम मंडी के टमाटर कारोबारी गौरव चौहान ने बताया कि 24 जून के पहले मंडी में हर रोज 8 से 9 हजार कैरेट टमाटर की आवक होती थी। लेकिन अब यह सिर्फ 25 प्रतिशत यानि रोज 2 से 3 हजार कैरट रह गई है। एक कैरट में 25 किलो टमाटर होते हैं। कैरट का रेट 1600 रुपए है। ऐसे में खेरची में यह अभी 100 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है। प्री मानसून की बारिश ने टमाटर को लगभग खत्म कर दिया है। प्रदेश में अब कहीं भी टमाटर की फसल नहीं हैं। पिछले दिनों गुजरात में तूफान और राजस्थान में हुई तेज बारिश से टमाटर की फसलें काफी खराब हो गई है जिससे आवक नहीं है। इधर अभी यह केवल महाराष्ट्र के नारायण गांव व संगमनेर से आ रहा है। एक माह बाद बेंगलुरु से इसकी आवक शुरू होगी। इंदौर में करीब 12 बड़े टमाटर कारोबारी हैं, इन सभी का भी यही कहना है।