इंदौर में 1984 के दंगों की मुआवजा राशि में घोटाला, पिता-पुत्र पर केस
इंदौर। गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिबजी ट्रस्ट फर्जीवाड़े में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने डा. रघुवीरसिंह माखीजा और उसके बेटे सतविंदरसिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, षड्यंत्र व कूटरचना का प्रकरण दर्ज किया है। आरोप है माखीजा ने 1984 के दंगों में मिली मुआवजा राशि में 14.50 लाख रुपये की हेराफेरी की है। कूटरचना से परिवार के सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल कर लिया।
डीएसपी (ईओडब्ल्यू) अजय जैन के मुताबिक ट्रस्ट का 1968 में रजिस्ट्रेशन हुआ था। उस वक्त ट्रस्ट में सात न्यासी थे, जिनमें छह की मृत्यु हो गई। सिर्फ सरदार कृपालसिंह भाटिया ही जीवित हैं।
मार्च 2009 में मृतकों के स्थान पर पांच नए न्यासी नियुक्त किए, परंतु उनमें से जमीतसिंह और गुरुबचनसिंह की मृत्यु हो गई। फिलहाल ट्रस्ट में स. अमरीकसिंह, स. कृपालसिंह, स. गुरमीतसिंह, स. जोगिंदरसिंह न्यासी हैं। ट्रस्ट द्वारा श्री गुरु तेग चैरिटेबल अस्पताल और गुरु तेगबहादुर पब्लिक स्कूल (नंदानगर) संचालित किया जा रहा है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि अस्पताल संचालन के लिए डा. रघुवीरसिंह माखीजा और जोगिंदरसिंह माखीजा की न्यासी के रूप में नियुक्ति कर दी। आरोप है कि डा. रघुवीरसिंह ने 1984 के दंगों में मिले 14.50 लाख रुपये मुआवजे के सहयोगी संस्थान अस्पताल ट्रस्ट में प्राप्त कर लिए।
संगत एवं मूल ट्रस्ट को बताया कि उक्त राशि से जमीन खरीद कर ट्रस्ट का विस्तार किया जाएगा। डा. रघुवीर ने ट्रस्ट से प्राप्त रुपयों से स्वयं और परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन खरीद ली। उसने सहमति के बगैर रिश्तेदारों एवं परिवार के सदस्यों को ट्रस्टी बना दिया।
आरोप है कि ट्रस्ट की आड़ में आरोपी स्वयं के ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले स्कूल-कालेज को प्रमोट कर रहे हैं। इस घोटाले की एडीजी अजय कुमार शर्मा को शिकायत की गई थी। शर्मा ने ट्रस्ट के सभी दस्तावेज जब्त करवाए और गुरुवार को केस दर्ज करवा दिया।