दुनिया के एकमात्र वकील जो संस्कृत में ही लड़ते हैं मुकदमा
काशी के 66 वर्षीय आचार्य श्याम जी उपाध्याय पिछले 44 वर्षों से अदालती काम वकालतनामा और यहां तक कि बहस भी संस्कृत में ही करते हैं…
ब्रह्मास्त्र काशी
काशी के वकील श्याम उपाध्याय की उम्र करीब 66 साल है। वकील श्याम उपाध्याय को लोग आचार्य श्याम जी उपाध्याय भी कहते हैं। वे पिछले 44 वर्षों से अदालती काम, वकालतनामा और यहां तक कि संस्कृत में ही मुकदमा लड़ते हैं।
पूरे भारत में ऐसा कोई वकील नहीं हुआ जो अदालत में संस्कृत में बहस करे, ये केवल आचार्य श्याम उपाध्याय ही हैं जो आज भी संस्कृत भाषा में ही लिखते हैं और बहस भी करते हैं। शुरुआत में जब आचार्य श्याम उपाध्याय द्वारा उनके मुवक्किल के कागजातों को जज के सामने पेश किया गया तो जज भी हैरान रह गए।
ये सभी कागज संस्कृत भाषा में लिखे गए थे। इसके बाद जब कोर्ट में कोई भी नया जज आता तो वह भी पहली बार संस्कृत भाषा में पेश किए गए कागजातों को देख हैरान रह जाता। वहीं, उनके मुवक्किल भी संस्कृत भाषा में लिखे गए कागजातों को देख हैरान रह जाते हैं, लेकिन आचार्य श्याम उपाध्याय उन्हें बड़े ही तरीके से संस्कृत भाषा समझाते हैं।
वकील आचार्य श्याम उपाध्याय जब कोर्ट आते हैं तो वह काले रंग का कोर्ट पहने होते हैं, साथ ही उनके माथे पर त्रिपुंड और तिलक लगा रहता है जो साफ तौर पर उनके संस्कृत भाषा को लेकर भावनाओं को दर्शाता है।