भगवान महाकाल की सवारी के लिए नक्काशीदार 3 नए रथ बनकर तैयार
– एक रथ पहुंचा मंदिर, इस बार श्रावण का अधिकमास होने से बाबा की 10 सवारियां निकाली जाएगी
– सवारी बढ़ने से बाबा के स्वरूप भी बढ़ेंगे, इसलिए मंदिर समिति को बनवाने पड़े नए रथ
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल की सवारी के लिए लकड़ी नए जोरदार रथ बनकर तैयार हो गए है। नक्काशी दार इन नए रथों पर बाबा महाकाल के विभिन्न स्वरूपों को सवारी में निकाला जाएगा। इस बार श्रावण का अधिकमास आने से दो श्रावण होंगे और बाबा महाकाल की कुल 10 सवारियां निकलेगी।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि इस बार दो श्रावण होने से बाबा के स्वरूप की संख्या भी बढ़ जाएगी। इसलिए मंदिर प्रबंध समिति को वर्तमान रथ के अलावा अलग से नए रथ बनवाने पड़े है। समिति ने यह रथ दानदाताओं के सहयोग से बनवाए है जिनकी संख्या तीन है। इनमें से एक रथ तो मंदिर परिसर में पहुंच भी गया है। शीघ्र शेष दो रथ भी मंदिर आ जाएंगे।
मंदिर समिति के पास अभी 7 स्वरूप ही निकाले की व्यवस्था
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के पास वर्तमान में देखे तो 7 सवारी के सात स्वरूप ही निकाले की व्यवस्था है। एक स्वरूप मनमहेश तो हाथी पर निकाला जाता है। एक स्वरूप चंद्रमौलेश्वर चांदी की पालकी में रहता है। बाकी के 5 स्वरूप एक-एक अलग बैलगाड़ियों के रथ पर होते हैं। इस प्रकार अभी 7 स्वरूप निकालने के इंतजाम थे। लेकिन इस बार कुल 10 सवारी है। ऐसे में 10 स्वरूव निकलेंगे। जो एक-एक सवारी में बढ़ते जाएंगे। इसलिए समिति को 3 नए अतिरिक्त रथ बनवाने पड़े है।
ऐसे है ये नए रथ, ये पुराने स्वरूप इस बार 3 और नए जुड़ जाएंगे
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि इन रथों की साइज करीब 6 बाय 9 फीट और ऊंचाई करीब 10 फीट से अधिक रखी गई है। मंदिर प्रबंध समिति के पास अभी श्रावण-भादौ में निकलने वाली 7 सवारियों के लिए चांदी के 7 स्वरूप है जो अक्सर सवारियों में निकाले जाते हैं। इनमें पहली सवारी में मनमहेश, दूसरी में चंद्रमौलेश्वर, तीसरी में शिव तांडव गरुड़ रथ पर आते हैं। चौथी में उमा महेश नंदी के रथ पर सवार होकर निकलते हैं। पांचवीं सवारी में सिंहासन के रथ पर होल्कर, छठी में दूसरे सिंहासन रथ पर घटाटोप स्वरूप व सातवीं शाही सवारी में सप्तधान का स्वरूप भी रथ पर होता है। अब 3 नए रथ पर 3 और स्वरूप शामिल हो जाएंगे जिसमें जटाशंकर आदि होंगे।