जिला सीईओ मैडम की व्यस्तता से पंचायतों में भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा
बड़वाह । जनपद पंचायत के अधीन कई पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों में भ्रटाचार हुआ है ।जबकि इन कारनामों शिकायते बड़वाह जनपद पंचायत के वर्तमान और तत्कालीन सीईओ को की गई । हालाकि शिकायत पर इन मामलों की जांच भी हुई जांच प्रतिवेदन भी बना ।लेकिन जिला जनपद मुख्यालय पर दस्तावेज जाने बावजूद कार्यवाही शून्य है ।हालाकि जिम्मदारों ने जिन पंचायतों में शासन की राशि को पलीता लगाया । उनकी पकड़ क्षेत्रीय सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और क्षेत्रीय विधायक सचिन बिरला काफी अच्छी है ।इससे यह अनुमान लगाना गलत नही होगा की इस भ्रष्टाचार की कार्यवाही में जिला सीईओ मैडम अनदेखी कर रही है ।लेकिन जिला जनपद अधिकारी की यह कार्यशैली जनपद पंचायतो में आज भी भ्रटाचार को बढ़ावा दे रही है ।
ग्राम पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों के बावजूद जिला मुख्यालय से कार्रवाई का अभाव….
दरसल बड़वाह ब्लाक की ग्राम पंचायत मुराल्ला,रत्नपुर,नावघाट खेड़ी और ग्राम पंचायत हमीरपुरा के अंतर्गत आने वाले अमलाथा में पिछले सरपंचों के कार्यकाल में कुछ लाखो रुपए के निर्माण कार्य हुए । जिनमें पूर्व सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और उपयंत्री के साथ जनपद पंचायत बड़वाह के सहायक उपयंत्री की मिलीभगत से शासन की राशि को पलीता लगाने में इन जिम्मेदारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी ।जबकि इन गड़बड़ झालो की शिकायत हुई और अधिकारियो की जांच में यह शिकायते सही पाई गई ।जिसका जांच प्रतिवेदन भी बना ।लेकिन आज भी जिला जनपद मुख्यालय में बैठे जिला सीईओ मैडम ज्योति शर्मा की व्यस्तता के चलते यह जांच प्रतिवेदन कही दबे पड़े है । जिसके कारण 21 जनवरी 2022 में हुई भ्रष्टाचार की इस शिकायत का जून 2023 तक भी को कार्रवाई नहीं हुई ।
शिकायत पर अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन बनाकर भेजा जिला मुख्यालय,नहीं हुई तो सिर्फ कार्रवाई…
आपको बतादे की पंचायतों के इस कारनामे में ग्राम पंचायत मुराल्ला के पूर्व सरपंच सिंगाजी पटेल ने जनपद के जिम्मेदारों से साठगांठ कर बिना स्कूल के करीब 14 लाख रुपए की बाउंड्रीवाल बना दी । वही ग्राम रत्नपुर में शासकीय हाई स्कूल परिसर की बाउंद्रीवाल आठ इंच की बनना थी । जिसमे 6 सरिए लगाना थे ।लेकिन जनपद के जिम्मेदारों में हुई शासन की राशि की बंदरबाट से आठ इंच की बनने वाली बाउंड्रीवाल चार इंच में बनकर तैयार हो गई ।जिसमे 6 सरिए की जगह 4 सरिए लगाकर निर्माणकर्ता ने लाखो रुपए के कार्य को कर के इतिश्री कर ली ।जबकि ग्राम अमलाथा में 300 मीटर का सड़क निर्माण जिला अधिकारी की बैगर अनुमति के ही बाले बाले कर दिया ।इसी तरह नावघाट खेड़ी पंचायत के अंतर्गत बनने वाले खेत सड़क निर्माण में भी काम के अनुसार अधिक राशि आहरण किया था ।बतादे की इन शिकायतों की जांच में यह शिकायत सही पाई गई और जॉच प्रतिवेदन भी बना। लेकिन आज भी शासन के नुमाइंदे राजनेताओं के सरक्षण में बैठे दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे।