महाकाल मंदिर नंदीहॉल में भी अब वीआईपी खड़े नहीं रह सकेंगे
– पहली बार यहां भी बेरिकेड्स से दर्शन कराने की तैयारी
– अभी नंदीहॉल में जाने के बाद लोग बाहर ही नहीं निकलते
दैनिक अवंतिका उज्जैन
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नंदीहॉल में भी अब वीआईपी श्रद्धालु बहुत ज्यादा देर तक खड़े नहीं रह सकेंगे। क्योंकि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति जल्द ही यहां भी बेरिकेड्स से दर्शन कराने की तैयारी कर रही है।
इसी श्रावण मास में यह नई व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि नंदीहॉल में एक बार आने के बाद लोग यहां से जाने को तैयार ही नहीं होते। काफी देर तक वहां बैठे रहते हैं। सुरक्षाकर्मी व कर्मचारी उन्हें उठाने की कोशिश भी करते हैं पर वे सुनते नहीं है। इसके चलते नंदीहॉल में भी भीड़ हो जाती है और अव्यवस्था होती है। इससे निपटने के लिए अब मंदिर समिति ने निर्णय लिया है कि यहां भी बेरिकेटिंग कर दी जाए ताकि लोग नंदीहॉल में आए और बेरिकेट्स से घूमकर दर्शन करते हुए तुरंत बाहर हो जाए। इससे किसी प्रकार का विवाद भी नहीं होगा व व्यवस्था भी बनी रहेगी। श्रद्धालु बेरिकेट्स लगने से अधिक समय तक नंदीहॉल में बैठ भी नहीं सकेंगे।
गर्भगृह में प्रवेश बंद करने के बाद वीआईपी के लिए नंदीहॉल टारगेट
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अब पूरे श्रावण मास के लिए आम प्रवेश बंद कर दिया गया है। इसके चलते 750 रुपए की रसीद से होना वाला जलाभिषेक भी श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे। अब केवल बाहर से ही दर्शन व्यवस्था श्रावण में दो माह तक चलेगी। ऐसे में अब जो वीआईपी श्रद्धालु मंदिर आ रहे हैं उनका टारगेट ही नंदीहॉल से दर्शन होता है। वीआईपी को दर्शन कराना मंदिर समिति की जिम्मेदारी है पर व्यवस्था करना भी जरूरी है। इसलिए समिति ने इस समस्या का हल निकाल लिया है। नंदीहॉल में बेरिकेट्स लगाए जा रहे हैं। यहां से लोग दर्शन कर बाहर होंगे।
250 रुपए की टिकट वाले भी गणेश मंडप से कर रहे हैं फिलहाल दर्शन
महाकाल मंदिर में गर्भगृह में टिकट से दर्शन अब बंद हो गए है। ऐसे में अब केवल 250 रुपए की शीघ्र दर्शन वाली टिकट से ही दर्शन व्यवस्था चालू है। श्रद्धालु इसी टिकट का लाभ लेकर मंदिर में लंबी लाइन को छोड़कर अलग गेट से जल्दी प्रवेश कर लाभ ले रहे हैं। लेकिन 250 की टिकट वालों को भी दर्शन गणेश मंडप की पहली व दूसरी लाइन से ही होते हैं। नंदीहॉल में केवल प्रोटोकॉल से आने वाले वीआईपी श्रद्धालुओं को ही जाने की अनुमति दी जा रही है।
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