उज्जैन में पहली बार बजी स्कूल की घंटी, बच्चों की संख्या रही कम
शनिवार को अचानक आदेश होने से कुछ स्कूलों की व्यवस्था गड़बड़ाई, मिशनरी स्कूल सहित कुछ अन्य स्कूलों ने रखी छुट्टी, आज भी रहेगा अवकाश
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी की पहली सवारी 10 जुलाई सोमवार को निकाली जाएगी। लिहाजा शिक्षा विभाग ने सोमवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर रविवार को स्कूल संचालन करने के आदेश जारी किए थे। आदेश नगरीय क्षेत्र के सभी स्कूलों पर लागू है। ऐसा पहली बार हुआ है जब उज्जैन में स्कूलों में घंटी बजी। यानि स्कूल लगे। अमूमन सभी स्कूल नहीं खुले और स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या भी कम रही। अधिकांश स्कूलों ने व्यवस्थाएं संभाल ली है, लेकिन कुछ स्कूलों में जरूर व्यवस्था गड़बड़ाई। आमतौर पर उज्जैन वासियों का मानना है कि यह निर्णय सही है, क्योंकि उज्जैन में सवारी वाले दिन बहुत अधिक भीड़ होती है। पहले की अपेक्षा अब लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे देखकर स्कूल का संचालन करना बहुत मुश्किल होता है। कई तरह की समस्याएं भी सामने आती है। अतः यदि सोमवार की वजह रविवार को स्कूल लगा लिया गया है तो यह एक अच्छा निर्णय है। अधिकांश स्कूलों की बसें रविवार को सुबह छात्र -छात्राओं को लेकर प्रतिदिन की भांति ही स्कूल पहुंची।
श्रावण मास प्रारंभ होते ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आने लगे है। वैसे भी श्री महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद तो श्रद्धालुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। वहीं श्रावण महिने की शुरूआत 4 जुलाई से हो गई है। शहर में सवारी और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने सोमवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर रविवार को स्कूल संचालन करने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए । जिला शिक्षा अधिकारी आंनद शर्मा ने शनिवार को आदेश जारी कर नगर निगम सीमा के सभी प्रायवेट और सरकारी विद्यालयों में सोमवार को अवकाश घोषित करते हुए रविवार को विद्यालय के समय अनुसार संचालन करने के आदेश जारी किए।
मिशनरी स्कूलों व कुछ अन्य स्कूलों ने रविवार की छुट्टी रखी यथावत
इसी बीच मिशनरी स्कूलों व कुछ अन्य स्कूलों ने रविवार की छुट्टी यथावत रखी है। वे सोमवार को भी छुट्टी रखेंगे। इस तरह मिशनरी स्कूल रविवार के साथ ही सोमवार को भी बंद रहेंगे। बहरहाल रविवार को छुट्टी के दिन स्कूल खोलने के मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया रही है। कोई इसे सही ठहरा रहे हैं तो कुछ का कहना है कि सोमवार को भी छुट्टी रख लेते लेकिन रविवार को स्कूल खोलने की क्या तुक है।
कांग्रेस बोली- दो दिन रख लेते छुट्टी
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिभाषक विवेक गुप्ता के अनुसार श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक भावनाओं का ख्याल रख महाकाल सवारी वाले दिन छुट्टी रखी जा सकती है। ये स्वागत योग्य भी है पर रविवार, शासकीय छुट्टी के दिन शिक्षकों, विद्यार्थियों को स्कूल बुलाना अधिकारों का दुरुपयोग है।
छुट्टी घोषित करने के अधिकार पर भी अलग-अलग मत
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि सप्ताह में छह दिन स्कूल लगना है। महाकाल की सवारी के कारण सोमवार को अवकाश घोषित कर रविवार को स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं। स्थानीय अवकाश को लेकर प्रशासन को अधिकार हैं। अवकाश एडजस्ट किया है।
कानून के जानकारों का कहना है कि कलेक्टर स्थानीय अवकाश की घोषणा कर सकते हैं। रविवार शासन स्तर पर तय अवकाश है, इस दिन स्कूल खोलने के आदेश जारी करने के अधिकार स्थानीय प्रशासन के पास नहीं है। इसके लिए शासन स्तर पर आदेश जारी होते हैं।
कुछ पालकों का कहना है कि रविवार को स्कूल संचालित करना, प्रशासन का ये आदेश हास्यास्पद है। धार्मिक भावनों, भीड़ प्रबंधन का ख्याल रख सोमवार को छुट्टी रखने का निर्णय स्वागत योग्य है, मगर शासकीय अवकाश रविवार के दिन स्कूल संचालित कराना ठीक नहीं। वहीं, कुछ पालक इसे नया प्रयोग मानते हुए ठीक बता रहे हैं।
एक महिला शिक्षिका का कहना है कि मैं निजी स्कूल में शिक्षक हूं। पति बैंक में जाब करते हैं। रविवार को घर-परिवार के कई काम होते हैं। पहले से बहुत कुछ तय रहता है। इस तरह के आदेश आएंगे, यह कभी नहीं सोचा था।