सड़क दुर्घटना में घायल सुपरवाइजर को दिलवाया 20 लाख रुपये मुआवजा

इंदौर। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को जिला न्यायालय ने 20 लाख रुपये बतौर हजार्ना देने के आदेश बीमा कंपनी को दिए। दुर्घटना की वजह से घायल व्यक्ति के एक पैर में 32 प्रतिशत स्थाई नि:शक्तता आ गई है। कोर्ट ने माना कि दुर्घटना की वजह से घायल व्यक्ति की काम करने की क्षमता प्रभावित हुई है। दुर्घटना करीब पांच वर्ष पहले 27 मई 2018 को हुई थी। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत साइट सुपरवाइजर गुरुभेजसिंह भाटिया मोटर साइकिल से तेजाजी नगर से भंवरकुआ आ रहे थे। बस क्रमांक एमपी 09 एफए 1946 के चालक ने बस को लापरवाही चलाते हुए भाटिया की मोटर साइकिल को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। उक्त बस के पहिये मोटर साइकिल सवार के दाहिने पैर के उपर से निकल गए। इससे प्रार्थी के दाहिने पैर की फिबुला बोन में फ्रेक्चर हो गया। दाहिने पैर की स्कीन और मांस पूरी तरह से निकल गया। इसके कारण उसे दाहिने पैर में 32 प्रतिशत स्थाई अयोग्यता आ गई। इस स्थायी अयोग्ताओं के कारण वह नौकरी करने में असक्षम हो गया। गुरुभेजसिंह ने स्थाई अयोग्यता एवं भविष्य की आय की हानि के लिए जिला न्यायालय में बस का बीमा करने वाली कंपनी के खिलाफ मुआवजे का प्रकरण प्रस्तुत किया। उसकी तरफ से तर्क रखे गए कि स्थाई अयोग्यता की वजह से वह अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकेगा। इस वजह से उसे और उसके परिवार को आर्थिक नुकसान होग। पीठासीन अधिकारी जयदीप सिंह के न्यायालय ने बस का बीमा करने वाली कंपनी युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को बतौर मुआवजा 20 लाख 18150 रुपये का भुगतान करे। कानून के जानकारों के मुताबिक दुर्घटना क्लेम प्रकरण दुर्घटना दिनांक से 6 माह में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत हो जाना चाहिए।