पाकिस्तान में भारी बारिश का तांडव- 76 लोगों की मौत, 133 घायल, कई जिलों में अफरातफरी
ब्रह्मास्त्र इस्लामाबाद
भारत के साथ साथ पाकिस्तान में भी मानसून की भारी बारिश हो रही है, लेकिन पाकिस्तान में हो रही बारिश कहर बरपा रहा है। एआरवाई न्यूज ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के हवाले से बताया है, कि नकदी की कमी से जूझ रहा देश, जो अभी भी पिछले साल आई अभूतपूर्व बाढ़ से उबर रहा था, वो फिर से बाढ़ में डूब सकता है।
पाकिस्तान में पिछले एक हफ्ते से भारी बारिश हो रही है और अभी तक पूरे पाकिस्तान में बारिश की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है, जबकि 133 लोग घायल हो गये हैं। एनडीएमए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि पिछले 24 घंटों में देश भर में भारी बारिश के कारण नौ लोगों की मौत हो गई है, जिससे कुल संख्या 76 हो गई है।
पूरे राज्य में भारी बारिश से तबाही, नदी में बह गई खड़ी कार
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले 24 घंटों से हो रही भारी बारिश की वजह से कई जिलों में पानी भरने लगा है और बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं। वहीं, घायलों की संख्या बढ़कर 133 हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों 76 लोगों में 15 महिलाएं और 31 बच्चे शामिल हैं, जबकि मूसलाधार बारिश जारी रहने से अब तक 78 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एनडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं, जहां भारी बारिश के कारण 48 लोगों की मौत हो गई और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में 20 लोगों की जान चली गई है। बलूचिस्तान में पांच लोगों की मौत हो गई है। डॉन न्यूज के अनुसार, 6 जुलाई को पाकिस्तान के पंजाब में 18 लोगों की मौत की सूचना मिली है क्योंकि प्रांत के कुछ हिस्सों में बारिश जारी है। पंजाब में पिछले दो दिनों में मूसलाधार मानसून के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की तुलना में लाहौर में बारिश थोड़ी कम हुई थी, लेकिन आज फिर से पाकिस्तान के साथ साथ भारत के कई हिस्से में भारी बारिश हो रही है। लाहौर में भारी बारिश से मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। वहीं, पाकिस्तान में बाढ़ की आशंका देखते हुए राहत और बचाव टीमों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
एनडीएमए के प्रवक्ता ने कहा कि मौसम विभाग ने 3 से 8 जुलाई तक देश के विभिन्न हिस्सों में तूफान के साथ मानसून की पहली बारिश की भविष्यवाणी की है। इसमें कहा गया है, कि भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।