जैन राजनैतिक मंच ने कहा जैन संतो की सुरक्षा गंभीर मुद्दा

भारत सरकार ले जैन मुनियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
जैन संत आचार्य श्री कामकुमार नन्दी की हत्या से जैन समाज में भारी रोष
नगर प्रतिनिधि  इंदौर
गौरतलब है कि हाल में ही कर्नाटक में जैन सन्त आचार्य श्री कामकुमार नन्दी की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी जिससे पूरे देश के जैन समाज और अहिंसा में विश्वास रखने वाली वैश्य समाज में दु:ख तो है ही आक्रोश भी भर गया है।
समग्र जैन समाज के मुख्य प्रतिनिधिगण राजेश जैन एवं प्रदीप्त गंगवाल का कहना है कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार इस प्रकार किसी दिगंबर मुनि के टुकड़े कर बर्बर हत्या की गई है। जैन संतो पर पूर्व में भी जानलेवा हमले होते रहे हैं व दुर्भाग्यवश सड़क हादसों में भी अनेको जैन संतो का देवलोक गमन हुआ है। जिस पर जैन समाज ने हत्या का संशय अनेक मौको पर व्यक्त किया है। जैन समाज के अनेकों संगठनों-संस्थाओ द्वारा जैन संतो की सुरक्षा हेतु व जैन धर्म के विरोध में काम करने वाली मानसिकता पर कार्रवाई हेतु मांग समय-समय पर उठती रही है। जिसमें अनूप मंडल जैसे समाज विरोधी संगठन पर पूर्ण प्रतिबंध भी एक मुख्य मांग रही है, परंतु सरकारों द्वारा जैन समाज के इन सभी मुद्दों की लगातार अनदेखी की गई है और कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। कहीं न कहीं इस प्रकार के व्यवहार ने ही आज अपराधियों का हौसला इतना बढ़ा दिया है कि आचार्य श्री कामकुमार जैसे जैन संत को इतनी बर्बरता से कत्ल कर दिया गया।
जैन राजनैतिक मंच की ओर से बयान जारी करते हुए कहा गया कि जैन समाज केंद्र व प्रदेश सरकारों से मांग करता है कि जैन संतो व जैन धर्मावलंबियों की सुरक्षा सभी सरकारें सुनिश्चित करें व प्रत्येक प्रदेश व केंद्र में जैन धर्म सुरक्षा आयोग का गठन हो ताकि ऐसी आपराधिक घटनाओ पर व समाज विरोधी संगठन की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। जैन राजनैतिक मंच के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने केंद्र सरकार से मांग की आचार्य श्री कामकुमार नन्दी की बर्बर हत्या करने वाले अपराधियों का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए ताकि शीघ्र इसका निर्णय हो व अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा हो सके।
जैन राजनैतिक मंच के अध्यक्ष सुभाष जैन काला ने कहा कि आज पूरी दुनिया के समग्र जैन समाज में रोष बना हुआ है। जिस प्रकार जैन धर्म विरोधी मनसिकता जिस प्रकार सक्रिय हो रही है इस तनावपूर्ण माहौल में जैन समाज की मांगों को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार जैन संतो की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं लें व पूरे देश में चातुर्मास के दौरान जहां भी जैन संत विराजमान हैं उनकी सुरक्षा की जाए।
केंद्र और राज्य सरकार शीघ्र आवश्यक कदम उठाए
इसी प्रकार राजेन्द्र सोगानी, ओपी सिघंई, गौतम जैन ने कहा कि जैन संत आचार्य श्री कामकुमार नंदी के बर्बर हत्या कांड से आज पूरे देश के जैन समाज में शोक व रोष व्याप्त है। दिगंबर जैन आचार्य काम कुमार नंदी महाराज साहब को घोर यातनाएं देते हुए उनकी हत्या करके उनके शव को टुकड़ों में बांट दिया गया यह निर्मम हत्या इतिहास के काले पन्नों पर अंकित की जाएगी। जैन धर्म व धर्मावलंबियों की सुरक्षा को लेकर जनहित में जैन राजनैतिक मंच की मांगो का संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकारें शीघ्र आवश्यक कदम इस संबंध में उठाने का कार्य करें अन्यथा जैन संतो व धर्म की रक्षा हेतु मजबूरन जैन समाज को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा हेतु लोकतांत्रिक आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
जैन समाज कर्नाटक जाकर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा
जैन राजनैतिक मंच कर्नाटक सरकार से भी मांग करता है कि त्वरित रूप से इन अपराधियों के विरुद्ध बुलडोजर का प्रयोग भी किया जाये व इनके विरुद्ध सख्त कदम उठाते हुए न्यायालय से जल्द से जल्द सख्त सजा मिले इस हेतु आवश्यक कदम उठाया जाएं। मंच ने यह भी कहा कि समग्र जैन समाज को कोई भी कतई कमजोर समझने की भूल ना करें अगर ऐसे बर्बर अपराधियों पर कार्रवाई संतुष्टिपूर्ण नहीं होती है तो जैन समाज कर्नाटक पहुंचकर एक विशाल आंदोलन करने से भी पीछे नही हटेंगे ।