पीएचडी कांड में लोकायुक्त की जांच में 3 परीक्षार्थियों बने आरोपी
उज्जैन। बहुचर्चित पीएचडी कांड में लोकायुक्त द्वारा दर्ज किए गए प्रकरण में की जा रही जांच के दौरान 3 परीक्षार्थियों को भी आरोपी बनाया गया है। मामले में अब आरोपियों की संख्या 8 पहुंच चुकी है। पूर्व में लोकायुक्त विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव के साथ चार अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चुकी है।
विक्रम विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 में आयोजित की गई पीएचडी चयन परीक्षा के रिजल्ट में धांधली होने का मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस से जुड़े छात्र नेता बबलू खींची द्वारा 18 मई 2023 को मामले की शिकायत लोकायुक्त में दर्ज कराई गई थी। लोकायुक्त जांच में सामने आया था कि पीएचडी चयन परीक्षा के परिणामों में ओएमआर शीट पर गड़बड़ी की गई है। लोकायुक्त की ओर से मामले की जांच निरीक्षक दीपक शेजवार सौंपी गई थी। पिछले माह मामले में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, सहायक कुल सचिव वीरेंद्र ऊचवारे प्रोफेसर डॉ. पीके वर्मा, डॉ. गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. वायएस ठाकुर पर भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज किया था। जांच के दौरान सामने आया है कि गड़बड़ी कर 11 छात्रों को उर्तीण किया गया है। जिसके आधार पर बुधवार को मामले में 3 परीक्षार्थी अमित मरमट, गौरव कुमार शर्मा और अंशुमा पटेल को भी लोकायुक्त ने प्रकरण में आरोपी बनाते हुए मामले की जांच आगे शुरू की। अब तक बहुचर्चित पीएचडी कांड में आरोपियों की संख्या आठ पहुंच चुकी है। गौरतलब हो मामला उजागर होने के बाद पूरे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव को लेकर छात्रों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया था और उनका तबादला होने पर कुलसचिव के कक्ष में गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया था।