इंदौर नगर निगम को ब्याज समेत राशि लौटाने के आदेश–18 साल में नल कनेक्शन तो नहीं मिला, पर बिल आने लगा, कोर्ट ने किया निरस्त
इंदौर। लोकोपयोगी अदालत ने एक उपभोक्ता को बड़ी राहत दी है। मैकेनिक नगर में एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान ने 2005 में नल कनेक्शन का आवेदन किया था। प्रतिष्ठान के पास नर्मदा लाइन नहीं है। कनेक्शन तो आवेदक को मिला नहीं, लेकिन पानी का बिल नियमित रूप से मिलना शुरू हो गया। पीड़ित ने इस अंधेरगर्दी की शिकायत अपर आयुक्त से भी की थी, लेकिन अर्जी खारिज कर बिल चुकाने के आदेश दिए। बकाया राशि बढ़ते-बढ़ते 4 लाख 21 हजार रुपए तक पहुंच गई तो पीड़ित ने लोकोपयोगी अदालत का रुख किया।
लोकोपयोगी अदालत के न्यायाधीश आसिफ अहमद अब्बासी की कोर्ट के समक्ष विपुल डेवलपर्स ने आवेदन किया था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर निगम के बिल को निरस्त करते हुए उपभोक्ता द्वारा कनेक्शन के लिए दिए गए कुल नौ हजार रुपए 6 फीसदी ब्याज दर से लौटाने के लिए कहा। वहीं 18 साल से उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए भी 10 हजार की क्षतिपूर्ति चुकाने के लिए कहा है।
सादे कागज पर कर सकते हैं आवेदन
अधिवक्ता प्रवीण रावल के मुताबिक लोकोपयोगी अदालत में सड़क पर गड्डे, पेयजल नहीं मिलना, गंदा पानी आना, ड्रेनेज की समस्या, स्ट्रीट लाइट, गंदगी, लोक परिवहन में परेशानी, अस्पताल,डिस्पेंसरी में सुविधा नहीं मिलने के मामले कोई भी व्यक्ति लगा सकता है। सादे कागज पर आवेदन भी किया जा सकता है। जिला एवं सत्र न्यायालय स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में परिवाद मुफ्त में लगाया जा सकता है। हर शुक्रवार को कोर्ट सुनवाई भी करती है।