सावन माह शुक्रवार : महाकाल के दिव्य दर्शन, महाआरती
उज्जैन। सावन माह में बाबा महाकाल का रोजाना अद्भुत श्रंगार कर महाआरती की जा रही है जिसके दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु महाकाल के दरबार पहुंच रहे हैं । वैसे तो महाकाल मंदिर परंपरा अनुसार वर्षों से यह दौर जारी है । लेकिन ऐसी मान्यता है कि सावन माह में बाबा के दिव्य श्रृंगार के दर्शन करने से श्रद्धालु की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसका एक विशेष महत्व भी है
महाकाल का भांग चन्दन ड्रायफ्रूट और मोगरे के सुगंधित पुष्प अर्पित कर श्रृंगार…..
इसी के तहत आज सावन माह में महाकाल मंदिर में शुक्रवार तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खोलने के पश्चात भगवान महाकाल को जल से स्नान कराया गया। पण्डे पुजारियों ने दूध,दही,घी,शहद, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया। महाकाल के मस्तक पर ड्रायफ्रूट का सूर्य और मोगरे के सुगंधित पुष्प अर्पित कर श्रृंगार किया गया।
भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग,चन्दन,सिंदूर और आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मस्तक पर तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी।
फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।
महाकाल बाबा की महारती दर्शन…