मुख्यमंत्री ने लगाई पटवारी भर्ती पर रोक, हजारों अभ्यर्थी खुश, छात्र चाहते हैं घोटाले की सच्चाई सामने आए
इंदौर। मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप के बाद सरकार ने इस परीक्षा के आधार पर पटवारियों की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने यह घोषणा की। इस रोक से पटवारी परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थी बेहद खुश हैं। कलेक्टोरेट का घेराव, ज्ञापन देकर जो उन्होंने गुरुवार को मशक्कत की, उसे वह अपनी मेहनत सफल होना मान रहे हैं। इन हजारों अभ्यर्थियों का नेतृत्व करने वालों का मानना है कि पटवारी परीक्षा के लिए इतनी मेहनत की, छात्र रात दिन पढ़ाई में जुटे रहे, पैसा लगाया, परीक्षा दी और बाद में अगर पता चले कि घोटाला हुआ है तो ऐसा लगता है जैसे छले गए हों।
कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर ये मान लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि कर्मचारी चयन मंडल की समूह 2 उप समूह 4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेंटर के रिजल्ट पर संदेह जताया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूं। सेंटर के परिणाम का फिर से परीक्षण किया जाएगा।
संदेह में है भिंड का परीक्षा केंद्र, जिसका सबसे ज्यादा विरोध उज्जैन में हुआ
जिस परीक्षा केंद्र पर संदेह का जिक्र मुख्यमंत्री ने किया है वह भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है। विधायक के सेंटर से 7 टॉपर होने पर उज्जैन में इसका सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिला। उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी, हालांकि मुख्यमंत्री ने अभी परिणाम पर रोक लगाई है और जांच के बाद कोई फैसला होगा।