बैंक आफ बड़ौदा में साइबर अटैक – इंदौर- भोपाल सहित प्रदेश के कई शहरों के ग्राहकों के रुपये गायब
इंदौर। बैंक आफ बड़ौदा में साइबर अटैक हुआ है। करीब डेढ़ सौ ग्राहकों के रुपये दिल्ली से एटीएम द्वारा निकाले हैं। सबसे ज्यादा इंदौर और भोपाल के ग्राहक प्रभावित हैं। क्राइम ब्रांच के साइबर एक्सपर्ट जांच में जुटे हैं। बैंक से भी जानकारी मांगी है। शक है बैंक से ही डाटा लीक हुआ है।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, बैंक आफ बड़ौदा की अलग-अलग शाखाओं के ग्राहकों द्वारा रुपये निकालने की शिकायत की गई है। पीड़ितों ने बताया कि रुपये दिल्ली के चाणक्यपुरी, नेहरू प्लेस और पार्लियामेंट हाउस के पास बने एटीएम से निकाले गए हैं। खास बात यह कि जिन लोगों के खातों से रुपये निकले, उनके पास न तो ओटीपी आया, न बैंक की तरफ से मैसेज भेजा गया। कई लोगों को तो दो-तीन दिन बाद पता चला कि उनके खाते से राशि निकल गई है। डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर तक पांच शिकायतें दर्ज हुई हैं
बैंक ने कहा- सलामी साइबर अटैक
पुलिस का मानना है कि बैंक से ग्राहकों का डाटा लीक हुआ है, जबकि बैंक से जुड़े अफसरों ने बताया कि साइबर अपराधियों ने डार्टनेट वेबसाइट से ग्राहकों का डाटा खरीदा है। साइबर की दुनिया में इस तरह के फ्राड को ‘सलामी साइबर अटैक’ बोलते हैं, जिसमें किसी बैंक के बहुत सारे ग्राहकों के खातों से छोटी- छोटी राशि निकाली जाती है।
कैसे लिख हो गया ग्राहकों का डाटा
बैंक ऑफ बड़ौदा के 63 ग्राहकों के खातों से 15 लाख रुपए निकलने का मामला ‘बॉब वर्ल्ड’ से जुड़ता नजर आ रहा है। बॉब वर्ल्ड, इसी बैंक का एक एप है, जिसे बैंक प्रबंधन ने ज्यादा संख्या में डाउनलोड कराने का टारगेट स्टाफ को दिया था।
एक बैंक विशेषज्ञ का मानना है कि इसके लिए स्टाफ ने ऐसे हजारों खाते खंगाले, जिनमें मोबाइल नंबर न जुड़े हों। फिर इन ग्राहकों के नाम से एप को डाउनलोड किया गया, लेकिन मोबाइल नंबर अपने या रिश्तेदारों के डाल दिए। बाद में उन नंबर्स को खाते से डी-रजिस्टर किया। इससे ग्राहकों का डेटा लीक हो गया।
62 हजार बैंक खाते खतरे में
अलजजीरा न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बॉब वर्ल्ड एप डाउनलोडिंग से भोपाल में करीब 1300 मोबाइल नंबर ऐसे हैं, जिनमें हरेक से 30 से 100 बैंक खातों जुड़े थे। इससे लगभग 62 हजार बैंक खाते खतरे में पड़ गए। यानी एक मोबाइल नंबर से औसतन 47 बैंक खाते जुड़े हुए हैं। बैंक की नीति में कहा गया है कि एक मोबाइल नंबर को 8 से ज्यादा खातों से नहीं जोड़ा जा सकता है। वह भी तब, जब ये सभी खाते एक ही परिवार के हों। ये रिपोर्ट बैंक प्रबंधन से जुड़े एक कर्मचारी द्वारा भेजे गए ई-मेल के आधार पर तैयार की थी। ऐसे ही एक ई-मेल में एप डाउनलोड करवाने की होड़ से ग्राहकों का डेटा लीक होने का अंदेशा भी जताया गया था।
बैंक ने कहा- हमारा सिस्टम पूरी तरह सर्टिफाइड
बैंक में मोबाइल बैंकिंग एप के रजिस्ट्रेशन के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह से सर्टिफाइड और ग्राहक की सहमति पर आधारित है। बैंक के पास अभी 3 करोड़ ग्राहकों का मोबाइल बैंकिंग सक्रिय आधार है। ये सभी अपने बैंक खाते से एक यूनिक मोबाइल नंबर से जुड़े हैं। डिजिटल बैंकिंग और डिजिटल पैठ बढ़ाने के लिए बैंक ने मोबाइल बैंकिंग उपयोगकर्ता आधार में वृद्धि की है।