महाकाल मंदिर के नंदीहॉल में बड़े निर्माण के चलते घुसा पानी
मंदिर के नीचे तो पानी निकासी के पर्याप्त इंतजाम पर ऊपर से पानी नहीं रोक पाए
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
महाकाल मंदिर के नंदीहॉल में तेज बारिश के बाद जो पानी घुसा वह ऊपर परिसर में चल रहे बड़े-बड़े निर्माण कार्यों की वजह से घुसा था। क्योंकि मंदिर के नीचे की ओर से पानी बारह करने के लिए ड्रेनेज सिस्टम व पर्याप्त मोटरें लगी है। लेकिन ऊपर जब निर्माण के बड़े गड्ढ़ो आदि जगहों पर पानी भराया तो वह बहकर रैंप से होते हुए सीधे नंदीहॉल में जमा हो गया। इससे वहां अफरा-तफरी मची और श्रद्धालुओं को रोकने के बाद पानी मोटरों से बाहर खींचकर निकालना पड़ा।
हालांकि इससे आम दर्शन व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई। क्योंकि मंदिर में अभी गर्भगृह में आम दर्शन बंद है। और नंदीहॉल में भी वीआईपी प्रोटोकॉल से आने वाले कुछ लोगों को छोड़कर किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा है। जब यहां पानी भराया उस समय भी लोग नहीं थे। हालांकि उस समय मंदिर का नंदी हाल तालाब जैसा नजर आ रहा था। मंदिर में बड़े पैमाने पर ऊपर व आसपास निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन यहां पानी की निकासी नहीं की गई है। और निर्माण एजेंसी ने भी ये ध्यान नहीं रखा कि तेज बारिश होगी तो पानी बहकर कहां जाएगा। दूसरा टनल निर्माण का कार्य भी जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया। नतीजा यह रहा कि गणेश और नंदी हॉल में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान गर्भगृह की साइड वॉल से झरना बहने लगा था।
काम पूरे होने की डेडलाइन 31 अगस्त
जबकि ये काम बारिश पूर्व हो जाना था
एक दिन की तेज बारिश में ही ये हाल हो गए थे। मंदिर प्रशासन को इससे सबक लेकर व्यवस्थाएं में सुधार करना चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों जब और तेज बारिश हुई तो मुश्किलें बड़ सकती हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में चल रहे दूसरे फेस का काम पूरा होने की डेडलाइन भी 31 अगस्त ही रखी गई। जबकि बारिश को देखते हुए यह कार्य काफी पहले ही पूरा कर लेना चाहिए था। परिसर के एग्जिट रैम्प पर लगी जाली से भी पानी ने रास्ता बना लिया था। और वह बहता हुआ रैम्प के ढलान से होते हुए ठेठ नंदी हॉल तक पहुंच गया।
अभी तक भरा निर्माण के गड्ढों में
पानी, काम रोकना पड़ा, निकासी नहीं
मंदिर परिसर के बाहर की ओर निर्माणाधीन टनल में पानी जमा होने के कारण यहां काम रुक गया है। हालांकि पानी बाहर निकालने का कार्य मोटरों के जरिए जारी है। लेकिन लगातार हो रही बारिश से बार-बार पानी भर रहा है। जब तक बारिश पूरी तरह से नहीं रुकती यहां काम शुरू करना संभव नहीं है। ऐसे में निर्माण संबंधी काम फिलहाल बंद कर दिया गया है। पानी निकालने का ही काम चल हा है। तेज बरिश वाले दिन सबसे ज्यादा पानी निर्गम रैम्प से होकर ही नंदी हॉल की ओर ढलान से बहकर नीचे जमा हुआ था। क्योंकि इसकी निकासी के रास्ते ही तैयार नहीं हुए है। जारी से तेज बारिश में ही महाकाल मंदिर के कई हिस्सों में पानी भर जाता है।
वर्ष 2015 में 21 जुलाई को
भर गया था गर्भगृह में पानी
महाकाल मंदिर में पानी भराने की यह कोई पहली घटना नहीं है। आपको बता दे इससे पहले वर्ष 2015 में 21 जुलाई वाले रोज भी महाकाल मंदिर के गर्भगृह में बारिश का पानी भर गया था। सुबह जब पुजारी बाला गुरु ने भस्मारती करने के लिए मंदिर के पट खोले तो अंदर बाबा महाकाल आधे पानी में डूबे थे। यह नजारा देख सब आश्चर्य में बड़ गए थे। फिर ताबड़तोड़ मंदिर समिति के लोगों व पंडे-पुजारियों ने मदद कर पानी बाहर निकालने की व्यवस्था की और एक तरफ पानी में ही खड़े होकर पुजारी ने पूजन कर भस्मरती की थी। यह भी मंदिर के इतिहास में एक यादगार दिन जुड़ गया था। लेकिन अबकी बार बारिश का पानी गर्भगृह की जगह नंदीहॉल में भराया।