बायपास पर बवाल : प्रशासनिक डर दिखाकर मालिकी हक की जमीन पर कब्जे का प्रयास, बगैर मुआवजा छीनी जा रही जमीन
मुश्किल में छोटे दुकानदार
ब्रह्मास्त्र इंदौर। बायपास के पास स्थित कच्चे एवं पक्के निर्माण को हटाए जाने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस के बाद बवाल हो गया है। वहां के दुकानदारों ने इसे पूर्णतः अवैधानिक और तानाशाही भरा रवैया बताते हुए विरोध स्वरूप मोर्चा संभाल लिया है। बायपास व्यापारिक संघ ने संभागायुक्त श्री पवन शर्मा को एक ज्ञापन भी दिया, जिसमें बताया गया है कि बायपास के आसपास दुकानों का निर्माण बायपास बनने के पहले ही किया जा चुका था। जिसकी अनुमति उस वक्त ग्राम पंचायत से ली गई थी। नियमानुसार स्वयं की भूमि पर कच्चे टीन शेड निर्माण के लिए अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होती।
नगर निगम द्वारा अवैधानिक रूप से सूचना पत्र दिए गए, ताकि भूमि अधिग्रहण का मुआवजा न देना पड़े। नेशनल हाईवे एक्ट में किसी भी प्रकार का अधिग्रहण होता है तो मुआवजा प्रदान किया जाता है। बायपास हेतु केवल 60 मीटर भूमि का ही अधिग्रहण किया गया। शेष भूमि को निजी भूमि माना गया था। यदि मास्टर प्लान के अनुसार बायपास की चौड़ाई 150 मीटर रखी जाना थी तो अधिग्रहण भी उतनी ही भूमि का किया जाना चाहिए था। सरकारी खसरा बनाकर रजिस्ट्री नामांतरण पर रोक लगाई जाना चाहिए थी। प्रशासनिक डर दिखाकर हमारी मालिकी हक की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। हमें हमारी रोजी-रोटी से दूर न करें। अधिकांश व्यापारी गरीब एवं छोटे – छोटे व्यापार जैसे मैकेनिक, मोची, ढाबा , ऑटो पार्ट्स जैसे व्यवसाय में में हैं। कोरोना की मार के कारण पहले ही मुश्किल में हैं। दूसरा आघात असहनीय होगा एवं जीते जी मार डालेगा। जब तक अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण न हो, जब तक मुआवजा राशि न मिले, तब तक अपनी भूमि पर व्यापार करने दिया जाए। राऊ से मायाखेड़ी तक के बायपास को नेशनल हाईवे एक्ट के अंतर्गत ही अधिग्रहित किया जाए।
भाजपा कांग्रेस के नेता भी जुड़े हैं संघ से
गौरतलब है कि बायपास व्यापारिक संघ में भाजपा – कांग्रेस दोनों के ही नेता जुड़े हुए हैं। इसके संरक्षक पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे हैं तो वहीं उपाध्यक्ष कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव हैं। संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह कलसी तथा सचिव सिद्धार्थ शर्मा हैं।