उज्जैन से होगा भाजपा का चुनावी आगाज : महाकाल की नगरी से निकलेगी मुख्य विजय संकल्प यात्रा, अमित शाह ने भोपाल में देर रात खींच दिया पूरा चुनावी खाका
भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर खाका खींच दिया है। इसी के तहत पार्टी प्रदेश में चार जगहों से विजय संकल्प यात्रा निकालने जा रही है। मुख्य यात्रा सितंबर महीने में महाकाल की नगरी उज्जैन से निकाली जाएगी। अभी इसकी तारीख तय नहीं हुई है। उज्जैन के अलावा ग्वालियर, चित्रकूट और जबलपुर से भी ये यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं में से किसी भी एक स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं।
अमित शाह ने बुधवार आधी रात तक चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन किया। भोपाल स्थित भाजपा दफ्तर में हुई इस हाईलेवल मीटिंग में शाह ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव की रिपोर्ट के आधार पर सभी 230 विधानसभा सीटों के सियासी समीकरण की जानकारी ली।
अमित शाह ने प्रदेश के मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य, महाकौशल और मध्य क्षेत्र की अलग-अलग नेताओं के साथ समीक्षा की। सूत्रों का कहना है शाह ने ग्वालियर-चंबल को लेकर तोमर और सिंधिया के साथ अलग बात की। जबकि मालवा-निमाड़ का फीडबैक कैलाश विजयवर्गीय से लिया।
इन समितियों पर रहेगी चुनाव की जिम्मेदारी
केंद्रीय नेतृत्व के प्रवास कार्यक्रम, विशेष संपर्क अभियान, घर-घर झंडा अभियान, कमल दीपावली, प्रचार-प्रसार समिति, विधानसभा फीडबैक, वाहन सत्कार, मीडिया, मीडिया मॉनिटरिंग, सोशल मीडिया, कॉल सेंटर, चुनाव आयोग और मतदान अभियान। ये समितियां चुनाव को लेकर अलग अलग मोर्चों पर काम करेगी। एक दो दिन के अंदर इनकी घोषणाएं हो जाएगी।
रुठों को मनाने की बनी रणनीति
चुनाव से पहले बीते दिनों भाजपा में रूठे नेताओं ने पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। लिहाजा ऐसे नेताओं को मनाने की रणनीति पर भी पार्टी ने चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि शाह के 11 जुलाई के भोपाल दौरे के बाद से ही मप्र के वरिष्ठ नेताओं ने असंतुष्टों को मनाने उनके फार्मूले पर अमल शुरू कर दिया था। बैठक में तय किया गया कि उन्हें कैसे और कौन मनाएगा।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के करीब 60 से अधिक नेताओं की तैयार सूची पर मंथन किया गया। अब अगस्त महीने में इन्हें मनाने व समझाइश देने का दौर चलेगा। जिसमें उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय जैसे अन्य नेताओं की मदद ली जाएगी, जो व्यापक जनाधार रखते हैं और उनमें नाराज नेताओं को मनाने की काबिलियत है।
इन नेताओं से पहले जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक व जिला प्रभारी बात करेंगे। यदि वे सफल नहीं हुए तो फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय असंतुष्टों से बात करेंगे। पार्टी ने इसमें संघ की मदद लेने का भी फैसला किया है।
नए लोगों को मौका दिया जाएगा
अमित शाह ने प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव को हर विधानसभा की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी हैं। बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में ज्यादातर सीटों पर नए चेहरों को मौका देने की वकालत भी की गई है।
माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में 50 नए चेहरों को चुनाव में मौका मिल सकता है। लेकिन नए चेहरों पर दांव लगाने से जो नाराजगी टिकट दावेदारों में देखने को मिलेगी, उनसे किस तरह निपटा जाएगा, उसकी रणनीति पर चर्चा हुई।
विधायकों के मौजूदा परफॉर्मेंस पर चर्चा
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की है, उसमें कई वरिष्ठ नेताओं की स्थिति अच्छी नहीं बताई गई है। यह माना जा रहा है कि कई ऐसे पुराने मंत्री और विधायक हैं, जिनकी परफॉर्मेंस उनके क्षेत्र में अच्छी नहीं है। ऐसे में भाजपा उनका चुनाव में टिकट काट सकती है। अमित शाह इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि सभी 230 विधानसभा सीटों में भाजपा के किन नेताओं की क्या स्थिति है। कौन कहां पर सक्रिय नहीं है और किन मौजूदा विधायकों को लेकर उनके क्षेत्र में नाराजगी है।