दूषित जल बहाने पर पालदा क्षेत्र के चार उद्योगों पर कार्रवाई
नगर प्रतिनिधि इंदौर
पालदा औद्योगिक क्षेत्र में चार उद्योग अपनी फैक्ट्रियों का दूषित पानी नाले में बहा रहे थे। इन उद्योगों में दूषित पानी के उपचार के लिए उपचारित जल संयंत्र भी नहीं लगा था। इन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गई है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने 25 जुलाई को नगर निगम की टीम के साथ इन फैक्ट्रियों की जांच की और इनमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मापदंडों का पालन नहीं पाया था। गुरुवार को बोर्ड ने इन नियमों का उल्लंघन कर रही इन फैक्ट्रियों को बंद करने के निर्देश दिए। बोर्ड द्वारा इनके विद्युत कनेक्शन बंद करने के लिए बिजली वितरण कंपनी को भी पत्र लिखा गया।
बोर्ड की अनुमति के बगैर संचालित हो रहे थे उद्योग
गौरतलब है कि निरीक्षण के दौरान बोर्ड व निगम की टीम ने मेसर्स एनकेबी इंडस्ट्रीज, मेसर्स सन इंडस्ट्रीज, मेसर्स सुप्रीम फूड प्रोडक्ट यूनिट-2 द्वारा अनुपचारित दूषित जल फैक्ट्री के बाहर निस्सारित करते पाया था। ये उद्योग बोर्ड की अनुमति के बगैर संचालित हो रहे थे। पालदा क्षेत्र में पेप्पे न्यूट्रीशन कंपनी की फैक्ट्री में दूषित जल उपचार के लिए लगा ईटीपी संयंत्र जांच के दौरान बंद पाया गया। जांच दल में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विज्ञानी अतुल कोटिया, संजय जैन व नगर निगम के सहायक यंत्री आरएस देवड़ा शामिल थे। पालदा व सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र की कई फैक्ट्रियां अपना दूषित पानी नालों व सीवरेज लाइन में रात के अंधेरे में छोड़ती है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व निगम की टीम दिन में फैक्ट्रियों की जांच करने पहुंच रही है। ऐसे में दिन में कुछ फैक्ट्रियों द्वारा दूषित पानी छोड़ा जाना पाया ही नहीं जाता है। ऐसे में ये टीमें नियमों का उल्लंघन कर दूषित पानी बहाने वाली फैक्ट्रियों पर पूर्ण रूप से कार्रवाई भी नहीं कर पा रही है।