भोपाल के सरकारी कालेज में गाया जा रहा हैं साहित्यकार प्रो. हाशमी का लिखित महाविद्यालय गान
रतलाम। प्रख्यात साहित्यकार व चितंक प्रो. अजहर हाशमी द्वारा लिखित भोपाल के शासकीय डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय के लिए महाविद्यालय गान लिखा गया है। इस गान को महाविद्यालय में प्रतिदिन अन्य गान के बाद गाया जाता है। वहीं इसे महाविद्यालय की साहित्यिक पत्रिका अनुपम में भी शामिल किया गया है।
महाविद्यालय के लिए प्रो. हाशमी को महाविद्यालय ज्ञान लिखने के लिए कहा गया था। उन्होंने 20 पंक्तियों का गान लिखकर भेजा था। गान इस प्रकार है… श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय इसका नाम, शिक्षा के इस शुभ संस्थान को बारम्बार प्रमाण। भोपाल ताल की लहर-लहर जैसे की जल की पाती, यह महाविद्यालय शिक्षा के दीप की ज्योति-बाती।
विज्ञान-कला-वाणिज्य-गृह विज्ञान सभी का संगम। ये सारे संकाय बनाते संस्था को अनुपम…। महाविद्यालय ने उनके गान को पसंद किया तथा उसे महाविद्यालय गान के रूप लागू किया। महाविद्यालय के गृहविज्ञान की विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी सक्सेना के अनुसार उक्त गान को कालेज प्रशासन व विद्यार्थियों ने बहुत सराहा है।महाविद्यालय में राष्टगान व मध्यप्रदेश गान के बाद प्रो. हाशमी का लिखित महाविद्यालय गान होता है।
उल्लेखनीय है कि प्रो. हाशमी बेटियां पावन दुआएं… सहित कई प्रसिद्ध कविताएं, गीत आदि लिख चुके है। उनकी लिखित कविता बेटियां पावन दुआएं… से मध्यप्रदेश शासन ने बेटी बचाओ अभियान 5 अक्टूबर 2011 को शुरू किया था।
उक्त कविता मध्यप्रदेश शिक्षा बोर्ड की कक्षा दसवीं की हिंदी पाठ्य पुस्तक (नवनीत) में भी शामिल की गई है।उन्हें हाल ही में उनके पुस्तक संस्करण का संदूक समीक्षा के सिक्के के लिए मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा अखिल भारतीय निर्मल वर्मा पुरस्कार के भी चुना गया है।रतलाम के साहित्यकार प्रो. हाशमी द्वारा लिखित मह ाविद्यावलय गान अन्य स्थान के महाविद्यालय में शामिल करना रतलाम के लिए गौरव की बात है।