30 अगस्त को राखी, भद्रा होने से रात में ही बंधेगी

– ज्योतिषियों का मत रात 9 बजे के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाना शुभ रहेगा

– भद्रा सुबह 10 बजे लगेगी, दिनभर होने से बहनें राखी नहीं बांध सकेंगी  

 

नीलेश शर्मा. उज्जैन।

इस बार श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को है। इस दिन राखी का त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन भद्रा होने से रक्षाबंधन का पर्व लोग दिन में नहीं मना सकेंगे। इस बार बहनें अपने भाईयों को रात में ही राखी बांध सकेंगी। भद्रा में कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। राखी बांधने के लिए इस बार रात 9 बजे के बाद शुभ मुहूर्त रहेगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस बार भद्रा की वजह से राखी बांधने के लिए दिन में कोई मुहूर्त नहीं होगा। रात में 9 बजे ही रक्षाबंधन मनाना सर्वश्रेष्ठ रहेगा। भद्रा सुबह 9 बजे से ही लग जाएगी जो कि दिनभर रहेगी। शास्त्रों में बताया गया है कि भद्रा के साये में कोई भी पर्व-त्योहार नहीं मनाया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में शुभ 

व मंगल कार्य नहीं किए जाते है

भद्राकाल को शुभ समय नहीं बताया गया है। इसलिए लोग किसी भी शुभ व मंगल कार्य के लिए भद्रा समाप्त होने का इंतजार करते हैं। इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त को है और इस दिन सुबह 10 बजे से ही भद्रा लग जाएगी। आम तौर पर इसके पहले घरों में कोई राखी नहीं बांधता है। इसलिए  रात 9 बजे के बाद जब भद्रा हटेगी तो राखी का त्योहार शुरू होगा। इस शुभ समय में ही बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेगी।

इस बार भद्रा का वास भूलोक में 

होनेे से यह पर्व पर मान्य होगी

भद्रा का वास जब भूलोक यानी पृत्वी पर रहता है तो यह तीज-त्यौहारों पर मान्य होती है। इस बार भद्रा भूलोक पर ही रहेगी। इसलिए राखी पर दिनभर त्योहार नहीं मनाया जा सकेगा। रात में 9 बजकर 7 मिनट पर जब भद्रा खत्म होगी तो रक्षाबंधन किया जा सकेगा। भद्रा का वास यदि पाताल में या अन्य जगह होता है तो यह मान्य नहीं रहती।

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