सीरो सर्वे से निकल रहा अनुमान: तीसरी लहर आई भी तो इंदौर में बच्चों को ज्यादा नहीं होगा नुकसान
ब्रह्मास्त्र इंदौर। पिछले दिनों 18 साल से कम उम्र के बच्चों के 1800 से अधिक सैम्पल लेकर सीरो सर्वे करवाया गया था, ताकि यह पता लग सके कि इंदौरी बच्चों में कितनी एंटीबॉडी है। यह खबर सुखद है कि इंदौरी बच्चों में शानदार एंटीबॉडी मिली है। 70 फीसदी से अधिक बच्चों में कोरोना से लडऩे की एंटीबॉडी पाई गई। अधिकृत रूप से सर्वे का खुलासा नहीं हुआ, मगर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने भाषण में इसका जिक्र करते हुए कहा कि सीरो सर्वे के परिणाम इंदौर के लिए अच्छे आए हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं कि लापरवाही शुरू कर दी जाए, क्योंकि इंदौरी वैसे भी उत्सव प्रेमी हैं और भीड़ जल्दी लगा लेते हैं।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक खतरा बताया जा रहा है, जिसके चलते पिछले दिनों प्रशासन ने बच्चों में एंटीबॉडी पता लगाने के लिए सीरो सर्वे निगम-स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाया गया। शहर के 85 वार्डों में से लॉटरी के जरिए चुने गए 25 वार्डों के 1800 से अधिक सैम्पल लिए गए। 1 से लेकर 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों की तीन कैटेगरी बनाकर यह सीरो सर्वे करवाया गया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब में यह सीरो सर्वे हुआ, लेकिन इसके परिणामों को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च दिल्ली को भेजा गया, ताकि वह स्टडी कर सर्वे के परिणाम बताए। सूत्रों के मुताबिक इस सीरो सर्वे के परिणाम स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और निगम को प्राप्त हो गए है हैं। सूत्रों का कहना है कि 60 से 70 फीसदी तक बच्चों में सीरो सर्वे के आधार पर एंटीबॉडी पाई गई है। कल रात ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर पर हुए आयोजन के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सीरो सर्वे की जानकारी अपने भाषण में दी और कहा कि इंदौर के लिए खबर है, लेकिन लापरवाही न बरतें और दूसरा डोज जल्द से जल्द लगवाएं, ताकि इंदौर जिला इस मामले में भी अव्वल रहे। सूत्रों का कहना है कि उम्मीद से अधिक सीरो सर्वे के परिणाम मिले हैं।