कांग्रेस सरकार प्रदेश में लागू करेगी कृषक न्याय योजना, किसानों को मिलेगी 5 सौगातें
खरगोन। किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार के राज में, मप्र किसानों की आत्महत्या में नं. 1 बन गया है। खेती लगातार महंगी होती जा रही है। महंगा बीज, महंगा खाद, महंगी दवाई लेकर खेती कर रहे किसानों को भाजपा सरकार उनकी फसलों का दाम भी नहीं दे पा रही है।
उस पर खेती के लिए मिलने वाली बिजली भी महंगी होने के कारण किसानो की हालत दुबला बैल दो आसाढ़ वाली हो चुकी है। किसान चौतरफा मार झेल रहा है वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने भाषणों, में किसान को अपना भगवान और खुद को उनका पुजारी बताते नहीं थकते, किसानों की हालत सरकार के भाषणों और उसकी कागजी योजनाओं में ही सुधर रही है जबकि हकीकत में किसान पिछले 18 वर्षो से लगातार गर्त में जा रहें है कई किसान परिवारों ने खेती छोड़ अन्य व्यवसाय अपना लिए है। हम जिला कांग्रेस खरगोन की ओर से कमलनाथजी को धन्यवाद देते है की, उन्होंने किसानों की इस दुर्दशा को समझते हुए अपनी 15 माह की सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जैसे पुरे मध्यप्रदेश में 27 लाख किसानों की कर्ज माफी। उसी दिशा में आगे बढ़कर कांग्रेस पार्टी आने वाले चुनाव में प्रदेश के किसानों के लिए 5 सौगाते वचन पत्र में शामिल कर रही है। कांग्रेस ने पहले भी जो कहा था वो किया आगे जो कहेंगे करेंगे। कमलनाथ ने किसानों को कर्ज माफी, 5 हॉर्स पॉवर तक स्थाई एवं अस्थाई विद्युत पंपो की निशुल्क बिजली, कृषि उपयोग के पुराने बिजली के बिल माफ, 12 घंटे लगातार बिजली और किसानों के ऊपर अन्यायपूर्ण लगाये गए मुकदमे वापस लेने का वचन दिया है।
भोपाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में माननीय कमलनाथ जी ने कहा की हम किसानों का दर्द समझते है भाजपा सरकार के दौरान किसानों को झूठ बोलकर हमेशा ठगा गया। जब किसान अपना हक मांगने सड़कों पर उतरता है तो मंदसौर गोलीकांड जैसी घटनाएँ सामने आती है और पुरे मध्यप्रदेश में किसानों को झूठे मुकदमे लादकर फंसाया जाता है।
हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है यदि किसान को ही सुविधा और शासकीय मदद नहीं मिलेगी तो प्रदेश कैसे प्रगति करेगा। मध्यप्रदेश में किसान को जरूरत के समय खाद नहीं मिलता, बीज के समय बीज नहीं मिलता और न ही उसे उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिलता है। इसका सबुत है की 2022 में मोदी सरकार की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के किसानों की आय 9740 रु. से घटकर 8339 रु. हो गई । मध्यप्रदेश में बीते 18 सालो में 20489 किसानों ने आत्महत्या कर ली । पुरे प्रदेश में किसानों की हालत बद से बद्दतर होती जा रही है उस पर मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह और उनके मंत्री झूठ पर झूठ बोलकर और झूठी घोषणाएं कर न सिर्फ किसानों को ठग रहे है बल्कि आत्महत्या को भी मजबूर कर रहे है।