क्षिप्रा नदी की पवित्रता पर शासन कुठाराघात कर रही
महिदपुर । म.प्र. राज्य सरकार उज्जैन, भगवान महाकाल व क्षिप्रा नदी से जुड़े शहर व ग्रामों के साथ घोर अन्याय व क्रुर मजाक कर आस्था एवं विश्वास के साथ कुठाराघात कर रही है। 2016 से आज तक करीबन 300 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी शासन प्रशासन क्षिप्रा नदी को शुद्ध नहीं कर पाये है व क्षिप्रा नदी में गंदा व अपशिष्ट पानी रोकने में पूर्णत: विफल रहा है। शासन प्रशासन क्षिप्रा शुद्धीकरण करने के नाम पर अरबो रुपये की बली भ्रष्टाचार को चढ़ गई है किन्तु जवाबदार व जिम्मेदार को जनता के भावना से कोई लेना देना नहीं दिखाई दे रहा है। अभी अभी पुन: सरकार भ्रष्टाचार का नया रुप लेकर आया है कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना जिसे सिंहस्थ के पूर्व 2028 तक पूर्ण करना है। 598.66 करोड़ रुपये की उक्त परियोजना में क्षिप्रा के पानी को मानसून सत्र को छोड़कर शेष समय पानी को ग्राम गोठड़ा से कालियादेह महल तक निकासी करने की योजना बनाकर पूर्ण करने जा रही है।
सरकार को उक्त परियोजना में किस प्रकार गंदे पानी को शुद्ध करेगी या फिर गंदा अपशिष्ट वाले पानी को पूर्ववत डायवर्ट ही करेगी। उज्जैन व उज्जैन से आगे के ग्राम व महिदपुर शहर क्या पुन: गंदा पानी ही उपयोग करेगा। इस कारण क्या पूर्ववत इस क्षेत्र की जनता सिर्फ त्रासदी ही झेलने को मजबूर व लाचार होगी। सरकार को जनवेदना व त्रासदी की पीड़ा भी महसूस होनी चाहिये। यदि पानी को डायवर्ट किया जा रहा तो सरकार को निति में आमूलचूल परिवर्तन कर गंदे पानी को प्राकृतिक तरीके से ही शुद्धीकरण करने की योजना बनाना चाहिये। उल्लेखनीय है कि अभी भी गंदा पानी क्षिप्रा में छोड़ने से पूरे क्षेत्र में आन्त्रस्त्रोत की, चर्मरोग की व अन्य घातक बिमारियों का प्रतिशत का इजाफा हो रहा है व इससे और बढ़ेगा ?
म.प्र. कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता अशोक नवलखा ने मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री व विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि उक्त नवीन योजना की पुन: समीक्षा कर ऐसा उपाय ढ़ूढे कि गोठड़ा उज्जैन से पहले जल शुद्धीकरण की योजना को मुहूर्त रुप देवे। कालियादेह महल के आगे यदि गंदा पानी छोड़ा गया तो प्रदूषण होकर सभी का जनजीवन व पशु, पेयजल स्त्रोत, फसल व भूमिगत जलाशय स्त्रोत प्रभावित होकर दूषित होंगे। श्री नवलखा ने नेशनल ग्रीन ट्यूबनल से व माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी जनहित में मानव जीवन को बचाने हेतु हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस पूरी योजना का सबसे अधिक प्रभाव महिदपुर तहसील के क्षेत्रों पर पड़ेगा अत: महिदपुर क्षेत्र के नागरिकों को जागरुक होना नितांत जरुरी है अन्यथा कई पिढ़िया त्रासदी भोगने को मजबूर होगी।