सिंहस्थ की जमीन भूमाफियाओं के चंगुल से बचाने के लिए उमा भारती भरेंगी हुंकार ..?
शराबबंदी पर सरकार के खिलाफ मोर्चा लेने का ऐलान करने वाली साध्वी से उज्जैन वासियों की बढ़ी उम्मीद
उज्जैन। मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर साध्वी उमा भारती ने अपनी ही पार्टी की सरकार की नीतियों से परे जाकर आवाज उठाई है। साध्वी ने स्पष्ट कर दिया है कि 15 जनवरी के बाद वे स्वयं इसका नेतृत्व करेंगी तथा लट्ठ भी बजाएंगी। ऐसा इसलिए,क्योंकि उमा भारती का मानना है कि शराबबंदी बगैर लट्ठ के नहीं हो सकेगी। उमा भारती के इस प्रयास की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। इसके साथ ही लोगों की उम्मीद भी उमा भारती से बढ़ गई है। खासकर उज्जैन वासियों की।
लोगों का मानना है कि उमा भारती साध्वी होने के साथ ही राजनीति में अच्छा दखल रखती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें सिंहस्थ का पूरा ज्ञान भी है। भू माफिया सिंहस्थ की जिस जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं उस मामले को भी बहुत अच्छी तरह समझ सकती हैं। उमा भारती पहले धर्म और बाद में राजनीति करती आई हैं , इसीलिए वह इस मामले में जबरदस्त हस्तक्षेप कर सकती हैं। शराबबंदी के लिए उन्होंने जो अभियान छेड़ा है ,उसकी पूरे प्रदेश में भूरी – भूरी प्रशंसा हो रही है। इसीलिए अब लोगों की अपेक्षा साध्वी से यूं बढ़ गई है कि वह सामाजिक बुराई तथा धार्मिक कार्यों में अड़ंगे डालने वाले लोगों से भी सख्ती से निपटें। गौरतलब है कि सिंहस्थ की जमीन को भू माफियाओं द्वारा हड़पने की गहरी साजिश रची जा रही है। भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने सांवराखेड़ी आदि क्षेत्रों में सिंहस्थ की जमीन बचाने के लिए अपने स्तर पर कई प्रयास किए हैं। उनका प्रभाव बाहुबलियों के कारण पड़ नहीं पा रहा है। मास्टरप्लान में गड़बड़ी के चांस दिखाई दे रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो सिंहस्थ जैसे महापर्व के लिए आने वाले समय में जमीन की बहुत अधिक कमी पड़ना स्वाभाविक है। साफ जाहिर है कि यह सिंहस्थ पर संकट है। इस मामले में उज्जैन के ही कुछ भूमाफिया पूरी दबंगई से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को गलत जानकारियां देकर प्रभावित करने में लगे हुए हैं। इस बारे में अभी कोई भी ऐसी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है जिसमें भू माफियाओं के चंगुल से सिंहस्थ की भूमि को बचाया जा सके,परंतु साध्वी उमा भारती ने जिस ढंग से शराबबंदी के खिलाफ मोर्चा संभाला है, उसे देखते हुए अब साधु-संतों को यह उम्मीद बढ़ गई है कि साध्वी इस मामले में भी हस्तक्षेप करें और उज्जैनी भू- माफियाओं को सबक सिखाएं। फिर चाहे वह कितने ही बड़े ओहदे पर क्यों न हो।
मास्टर प्लान में भी गड़बड़ी की कोशिश
साधु – संतों को उम्मीद है कि साध्वी सिंहस्थ की जमीन बचाने के लिए निश्चित रूप से वक्त पड़ा तो सरकार और उन दबंग भू माफियाओं से भी टकरा जाएंगी जो सरकार को अपनी बपौती समझने लगे हैं। मास्टर प्लान में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। अंदरूनी चर्चा चल रही है कि कुछ लोग बहुत ही जल्द साध्वी उमा भारती से इस मामले में मिलने वाले हैं और सिंहस्थ की जमीन को भू माफियाओं के चंगुल से निकालने में मदद करने का निवेदन करने वाले हैं। देखना यह है कि खुद उमा भारती क्या रुख अपनाती हैं?