मोहर्रम सब्र और कुर्बानी का महीना

ब्यावरा। माहे मोहर्रम इमाम आली मुकाम हजरत इमाम हुसैन अलेहिस्लाम की शहादत और शोहदा-ए-कर्बला से मंसूब महीना है, जिसको खास एहतराम के साथ मनाया जाता है, माहे मोहर्रम और कुर्बानी का यह महीना पैगंबर मोहम्मद साहब, नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है, जिसके तहत मोहर्रम की 7 तारीख में घोड़ों की सवारी निकाल कर घोड़ों की शहादत को मनाया। शहर में योम ए आशूरा पर परंपरागत जुलूस निकाला जाता है और हजारों लोग ताजी और आलम शरीफ के साथ मुकम्मल शामिल होते हैं। जुलूस में प्रशासन और अफसरों का भरपूर सहयोग रहा।