आचार्यश्री ने 2500 से अधिक युवाओँ को बताए जीवन के टिप्स
रतलाम। वर्तमान दौर में जीवन में जर्नी तो है लेकिन जॉय नहीं रहा। हमारी अपेक्षा ही दुख का कारण है। अपेक्षा जितनी ज्यादा होगी उतना अधिक दुख होगा और जितनी कम होगी उतना ज्यादा सुख मिलेगा। यदि जर्नी में जॉय चाहिए तो फिजिकल, सोश्यल, इंच्युक्चल, आॅक्यूपेशनल और आध्यात्मिक वैलनेस प्राप्त करो। यह बात सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में रविवार को आयोजित 2500 से अधिक युवाओ के तीसरे शिविर में आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा ने कही। आचार्य श्री ने कहा कि सब लोग तब तक ही अच्छे है जब तक उनसे कोई उम्मीद न रखे। वर्तमान दौर में हर किसी को सरस चाहिए, तुरंत चाहिए और मुफ्त चाहिए। हमें इतना ही क्यों मिला यह मत सोचो। हमें इतना भी कैसे मिला यह सोच जर्नी आॅफ जॉय है।आचार्य श्री ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। भोगी, योगी और त्यागी सभी को निरोगी काया चाहिए। जान है तो जहान है। आज का युवा गुमराह हो रहा है। व्यसन की आदत से सीधे बचपन से बुढ़ापा आ रहा है। उनकी जवानी खत्म हो गई है।