कहीं स्कूल की घंटी बजी तो कहीं बच्चे नदारद…
आज से पहली से पांचवी तक के भी खुले स्कूल , कुछ प्राइवेट स्कूल नहीं खुले, कहीं पालकों की अनुमति का इंतजार
ब्रह्मास्त्र इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर की दहशत और डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच मध्यप्रदेश में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं आज से शुरू हो गईं। पहले दिन भोपाल और इंदौर में अधिकतर प्राइवेट स्कूलों में पांचवीं तक की कक्षाएं नहीं लगीं। जबलपुर में क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी प्राइमरी स्कूलों को खोलने का निर्णय लेगी। प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों के सहमति पत्र लिए जा रहे हैं। इसकी वजह से कक्षाएं शुरू नहीं हुईं। कहीं-कहीं हालात यह है कि बच्चे ही स्कूल से नदारद हैं।।गाइडलाइन के अनुसार पहले दिन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ क्लास लगनी थी। बच्चों को स्कूल में क्लास अटेंड करने के लिए पेरेंट्स से अनुमति जरूरी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद पहली से 5वीं तक की क्लास लगाई जा रही है। छोटे बच्चों के क्लास खोलने को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के अपर मिशन संचालक लोकेश जांगिड़ ने बताया कि दूसरी क्लास के बच्चों को अभी पहली क्लास का ही पुराना पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। एक शिक्षक ही दोनों कक्षाओं की एक साथ क्लास लेगा।
सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल
कहीं पानी और कीचड़ में से होकर गुजरे बच्चे ,तो कहीं क्लास में ही भरा है पानी
सरकारी और प्राइवेट स्कूल में पेरेंटस टीचर्स मीटिंग के बाद 70 फीसदी पालकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास जारी रखें, लेकिन अब ऑफलाइन पढ़ाई भी जरूरी हो गई है। आखिर कब तक बच्चे स्कूल से दूर रहेंगे। प्राइवेट स्कूल जहां पालकों की अनुमति के बाद ही क्लास शुरू करना चाहते हैं, वही सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल हैं। कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें बारिश के कारण मैदान में पानी भरा हुआ है। कुछ ऐसी भी क्लास हैं जहां छत से पानी टपक रहा है। कहीं कक्षा में ही पानी भरा हुआ है। लगातार स्कूल बंद रहने के कारण कुछ ऐसे भी स्कूल है जहां पर बारिश के मद्देनजर तथा साफ सफाई की व्यवस्था नहीं हो पाई है। पहली से पांचवी तक के बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए शिक्षकों को भी मशक्कत करनी पड़ रही है। कुछ शहर ऐसे भी है जहां घर-घर जाकर शिक्षक उनके पालकों से बच्चों के स्कूल आने के लिए बात कर रहे हैं।
गंगेड़ी : पानी से होकर क्लास में पहुंचेंगे बच्चे
गंगेड़ी का हाईस्कूल। यहां पर पहली से लेकर 10वीं तक की कक्षाएं लगाई जाती हैं। तीन दिन तक रूक-रूककर हुई बारिश से परिसर में पानी भर गया है। ऐसे में कक्षा 6 से 10 तक के विद्यार्थी तो आसानी से कक्षाओं तक पहुंच जाएंगे लेकिन पालक की चिंता कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को लेकर है। उनका कहना है कि पानी की निकासी नहीं होने पर बच्चों को उसी में से गुजरना पड़ेगा।
गोठड़ा : पालक को समझाने पहुंचे शिक्षक
कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को स्कूल लाने के लिए शिक्षकों को भी मशक्कत करना पड़ रही हैं। शिक्षिका ज्योतिबाला निगम घर-घर जाकर पालक से आग्रह कर रही हैं कि वे बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। उनका कहना है कि शिक्षक जब पालक के पास जाते हैं तो पालक की बहुत सारी जिज्ञासाओं का समाधान हो जाता है। वे खुद चाहते हैं कि बच्चे स्कूल जाएं।
एक ही शिक्षक संचालित करेंगे कक्षा 1 व 2 की क्लास
कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों की क्लास एक ही शिक्षक संचालित करेंगे। सत्र 2021-22 के लिए दी गई कक्षा एक की पाठ्य पुस्तक के अनुसार पढ़ाया जाएगा। विगत शैक्षणिक सत्र में स्कूल के बंद रहने के कारण कक्षा 2 के बच्चों में आए लर्निंग गेप को समाप्त करने के लिए शिक्षक कक्षा 2 के विद्यार्थियों को कक्षा एक के पाठ्यपुस्तक के अनुसार ही पढ़ाई करवाएंगे।
20 से 27 सितंबर तक कार्य और दक्षता उन्नयन बेस लाइन टेस्ट होगा
कक्षा 3 से 5वीं की कक्षाओं के लिए शाला में उपलब्ध शिक्षकों की संख्या के आधार पर बैठक तय की जाएगी। 20 से 27 सितंबर तक प्रयास अभ्यास पुस्तिका पर कार्य और दक्षता उन्नयन बेसलाइन टेस्ट होगा। 28 सितंबर से 13 नवंबर तक कक्षा 4 के लिए दक्षता उन्नयन हिंदी, अंग्रेजी व गणित पढ़ाए जाएंगे, जिसके तहत सुबह 10.30 से दोपहर 2 बजे तक दक्षता उन्नयन और दोपहर 2.30 बजे से 5.30 बजे तक एनएसएस की तैयारी करवाई जाएगी।